यह ख़बर 15 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही : भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह की फाइल तस्वीर

नई दिल्ली:

समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने एक अखबार को दिए साक्षात्कार में कहा है कि अप्राकृतिक संबंधों को सही नहीं ठहराया जा सकता और इस पर कोर्ट का फैसला पूरी तरह से सही है।

शुरुआत में भाजपा के नेताओं ने इस फैसले के पक्ष या विपक्ष में अपना रुख साफ करने से इनकार कर दिया था। लेकिन अब भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा है कि अगर सरकार इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाती है, तो उनकी पार्टी समलैंगिक रिश्तों को अवैध ठहराने वाली भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 का समर्थन करेगी।

राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाती है, तो हम धारा 377 का समर्थन करेंगे, क्योंकि हमारा मानना है कि समलैंगिकता अप्राकृतिक कृत्य है। हम इसका समर्थन नहीं कर सकते। इससे पहले, यह सवाल लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली से एक संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया था जिसमें सुषमा ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अगर संसद चाहती है तो इसमें बदलाव कर सकती है। सरकार इस मुद्दे पर आमसहमति के लिए सर्वदलीय बैठक बुला सकती है, हम बैठक में सरकार का प्रस्ताव देखेंगे, फिर अपना रुख बताएंगे।

पार्टी इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने को लेकर सचेत थी, क्योंकि कई भाजपा नेताओं का मानना है कि इस मुद्दे पर समाज में राय बंटी हुई है।

हालांकि कांग्रेस का रुख इस मुद्दे पर बिल्कुल उलट है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत पार्टी के तमाम दिग्गज सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर नाखुशी जता चुके हैं। दरअसल समलैंगिक संबंधों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली हाइकोर्ट के 2009 के उस फैसले को पलट दिया था, जिसमें समलैंगिक रिश्तों को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया गया था।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निराशा जताई थी। राहुल ने कहा था, मैं निजी तौर पर मानता हूं कि ये निजी स्वतंत्रता के मुद्दे हैं। मैं समझता हूं कि मैं हाईकोर्ट के आदेश से ज्यादा सहमत हूं। सोनिया ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निराशा जताई थी।

वहीं, इस मामले को लेकर शनिवार को सरकार ने कहा कि समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निष्प्रभावी करने के लिए समलैंगिक अधिकार मुद्दे पर कोई अध्यादेश अभी जारी करने की कोई योजना नहीं है। केंद्रीय गृहमंत्री सुशीलकुमार शिंदे ने बेंगलुरु में एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से कहा, अभी नहीं। हमारे (पार्टी के) उपाध्यक्ष और अध्यक्ष इस मुद्दे पर पहले ही बोल चुके हैं। मैं उनके साथ हूं।

(इनपुट भाषा से भी)


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