सब आतंकवादियों से हमदर्दी दिखा रहे हैं, हमारे पिता की बात नहीं हो रही : हेड कॉन्स्टेबल रमाशंकर का परिवार

सब आतंकवादियों से हमदर्दी दिखा रहे हैं, हमारे पिता की बात नहीं हो रही : हेड कॉन्स्टेबल रमाशंकर का परिवार

भोपाल:

सिमी के आठ संदिग्ध आतंकवादियों के एनकाउंटर को लेकर जहां सियासत शुरू हो गई है, वहीं एक परिवार है जो कहता है कि सब लोगों को आतंकवादियों से हमदर्दी हो रही है, कोई उनके पिता यानी रमाशंकर यादव के बारे में क्यों नहीं बात कर रहा, जबकि ड्यूटी के दौरान उनकी जान गई.

अहिल्या नगर में रहता है यादव परिवार
इस घर की मालकिन हीरामनी को यकीन नहीं हो रहा कि उसके पति अब नहीं रहे. दीवाली की रात 58 साल के हेड कॉन्स्टेबल रमाशंकर यादव को सिमी के आठ कैदियों ने मार डाला. भोपाल सेंट्रल जेल में रमाशंकर की ड्यूटी रात दो बजे शुरू हुई थी. जब वे चेकिंग राउंड पर थे तब आतंकवादियों ने उनपर हमला बोला और उनका क़त्ल कर दिया. परिवार में यह मातम खुशी के एक बड़े मौके से ऐन पहले आया है. रमाशंकर यादव की बेटी सोनिया की शादी अगले महीने है, लेकिन इस शादी की तैयारी में जुटे पिता का साया अचानक उसके सिर से उठ गया.

रमाशंकर यादव के बेटे शंभू नाथ ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, 'पूरा महौल बदल गया है, देखते हैं क्या होता है.' शंभू भारतीय सेना में हैं. वे बताते हैं कि उनकी अपने पिता से दिवाली वाली रात आख़िरी बार बात हुई थी. अब वो ये सवाल उठा रहे हैं कि डेढ़ घंटे तक जब उनके पिता आतंकवादियों से अकेले निपट रहे थे, तब बाकी जेल स्टाफ कहां था.

शंभू नाथ ने कहा, 'उनके शरीर में बहुत घाव थे. उन्होंने मुक़ाबला किया. हम इस मामले की जांच चाहते है.'

रमाशंकर की आख़िरी विदाई में उनके साथी शरीक हुए और सबकी आंख नम दिखीं. जेल के गार्ड चंदन अहिरवर ने एनडीटीवी से रोते-रोते कहा, मुझे बांध दिया और यादवजी को मार दिया.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे. उन्होंने कहा कि अब उनकी बेटी राज्य की बेटी है और उनका परिवार अपने आप को मुश्किल की घड़ी में अकेला नहीं समझे.

शिवराज ने कहा, 'सब लोग वोट बैंक की पॉलिटिक्स कर रहे हैं. किसी ने रमा शंकर के लिए एक शब्द नहीं बोला. बोलते तो अच्छा होता.' राज्य सरकार ने फिलहाल परिवार के लिए 10 लाख और बेटी की शादी के लिए 5 लाख की मदद देने का वायदा किया है.

मुख्यमंत्री ने जिस कॉलोनी में रमा शंकर यादव रहते थे, उसे शहीद कॉलोनी घोषित कर दिया है. लेकिन परिवार का कहना है कि वो इस मामले की तह तक जांच चाहते हैं, ताकि किसी और के परिवार को ऐसा दुख न झेलना पड़े जो उन्हें झेलना पड़ रहा है.


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