हाथ-पैर से अपाहिज हैं गुरुजी, शीशे से पढ़ाकर बच्चों को बना रहे हैं डॉक्टर और वकील

हाथ-पैर से अपाहिज हैं गुरुजी, शीशे से पढ़ाकर बच्चों को बना रहे हैं डॉक्टर और वकील

बच्चों को शीशे के जरिए पढ़ाते उपेन्द्र श्रीवास्तव

औरेया:

पीएम मोदी की क्लास तो शुक्रवार को सभी ने देख ली, लेकिन अब उस क्लास में भी जाने की जरूरत है जहां आपको थोड़ी ही सही पर हैरान होगी जरूर और शायद आपको इस सवाल का जवाब भी मिल जाएगा कि गुरु का स्थान सबसे ऊपर क्यों होता है?

यूपी के औरेया जिले के फफूद कस्बे में उपेन्द्र श्रीवास्तव अपनी क्लास लगाते हैं। श्रीवास्तव साहब पिछले 39 साल से हाथ पैर से अपाहिज हैं, बावजूद इसके चारपाई पर शीशे के सहारे बच्चों को पढ़ाकर उनको डॉक्टर और वकील बना रहे हैं। लोग उन्हें शीशे वाले गुरुजी के नाम से जानने लगे हैं..

उपेंद्र श्रीवास्तव उर्फ शीशे वाले गुरुजी कहते हैं कि गुरु और ज्ञान की ताकत कभी कमजोर नहीं पड़ती। जिस्म का क्या है जाने कब जवाब दे दे। बिस्तर पर लेटे उपेंद्र श्रीवास्तव बीते 39 सालों से हाथों में शीशा लिए बच्चों को पढ़ा रहे हैं। यहां घंटी बजती है, क्लास लगती है और पूरे इलाके में, शीशे वाले गुरुजी की इंग्लिश चलती है।

गुरु जी का एक छात्र मोहम्मद शोएब कहता है कि छोटे से घर का खर्च इस छोटी सी कोचिंग से चल जाता है, लेकिन नाम इतना बड़ा है कि बाप के बाद कई बार बेटा भी यहीं पढ़ने आता है। गुरुजी बिना किताब देखे इंग्लिश पढ़ाते हैं और शीशे के जरिए अपने चेलों पर नजर रखते हैं।

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शिक्षक दिवस के मौके पर अब बारी इन छात्रों की थी, जिन्होंने खुद से प्यार भरे उपहार की तैयारी की। सच तो ये है कि ऐसे नायाब गुरु का सम्मान कैसे हो? अब ये बताने के लिए कोई गुरु चाहिए।