राम जेठमलानी का फाइल फोटो
पटना : बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाए जाने पर पार्टी के अंदर ही विरोध प्रारंभ हो गया है। पार्टी के पूर्व सांसद डॉ एजाज अली ने गुरुवार को कहा कि राज्यसभा की सीटों पर पहला हक यादवों और मुसलमानों का बनता है, लेकिन मुसलमानों का हक काटकर यह जेठमलानी को दिया जा रहा है।
वह सिर्फ यहां तक ही नहीं रुके, बल्कि एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से बातचीत करते हुए उन्होंने यहां तक कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को लगता है कि जैसे अमित शाह को 'क्लीन चिट' मिल गई है, वैसे ही उनको भी चारा घोटाले में क्लीन चिट मिल जाएगी। यही कारण है कि लालू मुसलमानों की कुर्बानी दे रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लालू जो सोच रहे हैं, वह अगर नहीं हुआ, तो लालू न इधर के रहेंगे और न ही उधर के। एजाज ने कहा कि यदि जेठमलानी राजद अध्यक्ष को क्लीन चिट दिलवा देते हैं, तो लगेगा कि मुसलमानों और दलितों की कुर्बानी काम आ गई।
उल्लेखनीय है कि राजद के विधानसभा में 80 विधायक हैं, जबकि महागठबंधन में शामिल जनता दल (युनाइटेड) के 71 व कांग्रेस के 27 विधायक हैं। ऐसे में संख्याबल के हिसाब से सत्ताधारी महागठबधंन में शामिल राजद और जद (यू) के हिस्से में दो-दो सीट जाना तय है। राजद ने बुधवार को राज्यसभा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और राम जेठमलानी को उम्मीदवार घोषित किया है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)