खालिस्तानी आतंकियों की रिहाई पर अकाली दल के रुख से बीजेपी की मुश्किल बढ़ी

पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की फाइल तस्वीर

चंडीगढ़:

खालिस्तानी आतंकियों की रिहाई को लेकर लिखी गई मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की चिट्ठी से पंजाब में एक बार फिर सियासी तूफ़ान खड़ा हो गया है।

उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, राजस्थान और गुजरात के मुख्यमंत्रियों के अलावा दिल्ली के उप- राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक को लिखे अपने खत में मुख्यमंत्री बादल ने अलग-अलग जेलों में सज़ायाफ्ता पंजाब के 13 आतंकियों की रिहाई की मांग रखी है।

अपनी बात केंद्र सरकार तक पहुंचाने के मक़सद से उप-मुख्यमंत्री सुखबीर बादल अकाली दल के नेताओं के साथ गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलने दिल्ली पहुंचे। मुलाक़ात के बाद सुखबीर बादल ने कहा, 'जो लोग अपनी सजा पूरी कर चुके हैं, हमने उनकी रिहाई पर नरमी दिखाने की अपील की है। अकाली दल ने हमेशा मुल्क़ के साथ हर लड़ाई लड़ी है, लेकिन मीडिया ने इसका गलत मतलब निकला है।'

सुखबीर बादल ने बताया कि राजनाथ सिंह ने उन्हें इस मसले पर कानूनी राय लेने का भरोसा दिया है। अकाली दल जिन आतंकियों की रिहाई की मांग कर रहा है उनमें पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे और 1993 के दिल्ली में युवा कांग्रेस मुख्यालय पर बम हमले में शामिल सज़ायाफ्ता (जगतार सिंह, परमजीत सिंह भेओरा, देविन्दर पाल सिंह भुल्लर और दया सिंह) लाहोरिया दिल्ली की तिहाड़ जेल में क़ैद हैं।

लखविंदर सिंह, शमशेर सिंह, गुरमीत सिंह, सुबेग सिंह और नन्द सिंह चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल में हैं, जबकि गुरमीत सिंह फौजी राजस्थान की टोंक जेल, गुरदीप सिंह खैर कर्नाटक की गुलबर्ग जेल, वरयाम सिंह बरेली सेंट्रल जेल और लाल सिंह पंजाब की नभ जेल में क़ैद हैं।

पंजाब में सिख कट्टरपंथी संगठन रिहाई को लेकर आए दिन प्रदर्शन कर रहे हैं। दरअसल, अम्बाला में एक पूर्व आतंकी गुरबक्स सिंह के धरने को पंजाब में मिल रहे समर्थन के बाद अकाली दल ने ये मुद्दा लपक लिया है। लेकिन, सहयोगी दल बीजेपी को ये सब रास नहीं आ रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुघ का कहना है की, 'अकाली दल को अपनी बात रखने का हक़ है, लेकिन देश में ऐसी मसलों के लिए कानून हैं, जिनका पालन होना चाहिए।'

वहीं, विरोधी दल कांग्रेस सत्ताधारी दलों पर आतंक को लेकर सियासत करने का आरोप लगा रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप बाजवा ने कहा, 'मैं मुख्यमंत्री से गुज़ारिश करूंगा कि वह पंजाब की एकता के साथ सियासत न करें, ये सब जनता को उल्लू बनाने के लिए हो रहा है।'

बाजवा ने आरोप लगाया की, 'पिछले 8 साल से दोनों पार्टियां मिलकर लोगों को लूट रही हैं, अब इनके रास्ते अलग हो रहे हैं, इसलिए बहाने ढूंढ रहे हैं।'

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इस बीच पंजाब पुलिस ने साफ़ किया है कि उसकी जेल में सिर्फ एक कैदी है जिसे गुजरात में सजा मिली है, लेकिन राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट की पाबन्दी के चलते आजीवन कारावास भुगत रहे कैदियों की रिहाई के बारे में कोई फैसला नहीं ले सकती।