चंडीगढ़: हितों के टकराव का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या अपने परिवहन एवं अन्य व्यवसाय बंद कर देने चाहिए। सत्तारूढ़ परिवार की एक बस में लड़की से छेड़छाड़ के बाद उसे बस से फेंक देने की घटना के बाद कांग्रेस ने यह मांग की है।
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता ने आरोप लगाए कि सत्ता में आने के बाद से बादल परिवार की बसों की संख्या 40 से बढ़कर 250 हो गई और उनसे दूसरे ट्रांसपोर्टरों के साथ ही पंजाब रोडवेज को भी खतरा है।
उन्होंने चंड़ीगढ़ में जारी बयान में मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से कहा, 'इन वर्षों में हितों के टकराव के स्पष्ट मामले में आपने-अपने पद एवं ताकत का गलत उपयोग किया और अपने बसों की संख्या 40 से बढ़ाकर 250 कर ली। इसके लिए आपने न केवल दूसरे निजी ट्रांसपोर्टर को धमकाया बल्कि पीआरटीसी (पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन) और पंजाब रोडवेज को भी नुकसान पहुंचाया।
उन्होंने कहा, 'इससे जहां हर किसी को काफी नुकसान हुआ वहीं आपको काफी लाभ मिला।' कांग्रेस नेता ने दावा किया कि जब वह 2002 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने तो वह भी रैनबैक्सी, डीएलएफ इंडस्ट्रियल केबल और माउंट शिवालिक बेवरीज जैसी कुछ कंपनियों के निदेशक मंडल में शामिल थे।
अमरिंदर ने कहा कि पंजाब के महाधिवक्ता से कानूनी सलाह लेकर उन्होंने सभी कंपनियों से इस्तीफा दे दिया। महाधिवक्ता ने कहा कि यह 'हितों का टकराव' है क्योंकि ये सारी कंपनियां पंजाब की थीं और वहीं से संचालित होती थीं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाए कि बादल परिवार ने 250 मार्गों के परमिट पर कब्जा कर लिया, जिनमें से अधिकत्तर पर जबरन कब्जा किया गया, जबकि हकीकत में वे लाभ देने वाले मार्गों पर करीब 500 बसें चला रहे थे।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने बादल से कहा, 'इन बसों को रोकने की हिम्मत कोई भी सरकारी अधिकारी या पुलिस नहीं कर सकती, क्योंकि आपके कंडक्टर और चालक अधिकारियों से दुर्व्यवहार करते हैं और बच जाते हैं।' उन्होंने कहा, 'मोगा की घटना कानून से मिली इसी छूट का नतीजा है जो आपने अपने बेलगाम ड्राइवरों और कंडक्टरों को दे रखी है।'
उन्होंने कहा कि अपनी शक्ति का दुरूपयोग कर ऑर्बिट एविएशंस लिमिटेड ने लाभ वाले सभी मार्गों को दूसरे ट्रांसपोर्टर से हथिया लिया है। जिस ट्रांसपोर्टर ने लाभ कमाने वाले मार्ग उनके लिए नहीं छोड़े उनको धमकी दी गई और उनके खिलाफ गलत मामले दर्ज किए गए। साथ ही नुकसान होने वाले मार्ग ऐसे ट्रांसपोर्टर और पीआरटीसी एवं पंजाब रोडवेज के लिए छोड़ दिए गए।
अमरिंदर ने पूछा, 'अन्यथा पीआरटीसी और पंजाब रोडवेज तथा दूसरे ट्रांसपोर्टरों को नुकसान क्यों हो रहा है जबकि बादल परिवार की बसें बढ़ती जा रही हैं?'