रोगी कल्याण समिति मामले में आप के 27 विधायकों को चुनाव आयोग का नोटिस, 11 तक देने हैं जवाब : सूत्र

रोगी कल्याण समिति मामले में आप के 27 विधायकों को चुनाव आयोग का नोटिस, 11 तक देने हैं जवाब : सूत्र

दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजीरवाल और अन्य आप नेता (फाइल फोटो)

खास बातें

  • रोगी कल्याण समिति एक एनजीओ की तरह काम करती है.
  • कानून के एक छात्र विभोर आनंद ने शिकायत की थी.
  • इन 27 विधायकों में 10 विधायक वे भी हैं जो संसदीय सचिव मामले में फंसे हैं.
नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान बनाई गई रोगी कल्याण समिति में अध्यक्ष पद पर तैनात किए गए 27 विधायकों को चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है. यह जानकारी एनडीटीवी के सूत्रों ने दी है. सूत्रों के अनुसार रोगी कल्याण समिति एक एनजीओ की तरह काम करती है जो कि अस्पतालों के प्रबंधन से जुड़ी है. इसमें इलाके के सांसद, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी और स्वास्थ्य अधिकारी शामिल होते हैं.

जानकारी के अनुसार इस मामले में कानून के एक छात्र विभोर आनंद ने शिकायत की थी. उसके बाद यह मामला राष्ट्रपति के पास भेजा गया था. राष्ट्रपति से चुनाव आयोग के पास यह मामला आया जिसके बाद चुनाव आयोग इन विधायकों को नोटिस भेज रहा है.

इन विधायकों में अल्का लांबा, शिव चरण गोयल, जगदीप सिंह, जरनैल सिंह (पूर्व पत्रकार), सोमनाथ भारती का नाम शामिल हैं. जानकारी के अनुसार इन्हीं समितियों को मोहल्ला क्लीनिक सभा भी कहा जाता है जिनके अध्यक्ष पदों पर आम आदमी पार्टी के विधायक काबिज बताए जा रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक इस मामले में विधायकों को 11 नवंबर तक जवाब देना है. इन 27 विधायकों में 10 विधायक वे भी हैं जो संसदीय सचिव के मामले में पहले से ही लाभ के पद के मुद्दे पर मुश्किल में हैं. यानी लाभ के पद के मामले में आप के कुल 38 विधायकों पर तलवार लटक गई है.

रोगी कल्याण समिति के अधिकार

  • अस्थाई कर्मचारियों की भर्ती का अधिकार (इसमें डॉक्टर भी शामिल है)
  • दो लाख रुपये तक के निर्माण कार्य का काम समिति अध्यक्ष की मंजूरी से.
  • अस्पताल परिसर में दुकान किराए या लीज पर देने का अधिकार जिसकी कमाई समिति के पास आती है.

क्या है पूरा मामला?
दरअसल कानून के एक विद्यार्थी विभोर आनंद ने चुनाव आयोग को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि 27 आप विधायक रोगी कल्याण समिति में अध्यक्ष के पद पर होने के नाते लाभ के पद पर हैं लिहाजा इनकी विधायकी रद्द की जाए।शिकायत में कहा गया है कि रोगी कल्याण समिति के  में विधायक सदस्य के तौर पर तो हो सकता है लेकिन अध्यक्ष के पद पर नहीं।
 
कौन हैं ये 27 विधायक
  1. अल्का लाम्बा- चांदनी चौक
  2. शिव चरण गोयल- मोती नगर
  3. बन्दना कुमारी- शालीमार बाग
  4. अजेश यादव- बादली
  5. जगदीप सिंह- हरी नगर
  6. एस के बग्गा- कृष्णा नगर
  7. जीतेन्द्र सिंह तोमर- त्री नगर
  8. राजेश ऋषि- जनकपुरी
  9. राजेश गुप्ता- वज़ीरपुर
  10. राम निवास गोयल- शाहदरा
  11. विशेष रवि- करोल बाग
  12. जरनैल सिंह- तिलक नगर
  13. नरेश यादव- मेहरौली
  14. नितिन त्यागी- लक्ष्मी नगर
  15. वेद प्रकाश- बवाना
  16. सोमनाथ भारती- मालवीय नगर
  17. पंकज पुष्कर- तिमारपुर
  18. राजेंद्र पाल गौतम- सीमापुरी
  19. कैलाश गहलोत- नजफ़गढ़
  20. हज़ारी लाल चौहान- पटेल नगर
  21. शरद चौहान- नरेला
  22. मदन लाल- कस्तूरबा नगर
  23. राखी बिड़लान- मंगोलपुरी
  24. मोहम्मद इशराक- सीलमपुर
  25. अनिल कुमार बाजपाई- गांधी नगर
  26. कमांडो सुरेंद्र- दिल्ली कैंट
  27. महेंद्र गोयल- रिठाला
 
ख़ास बात ये है कि इन 27 विधायकों में 10 विधायक ऐसे है जो पहले से संसदीय सचिव बनाये जाने पर लाभ के पद के आरोप में विधायकी जाने का खतरा झेल रहे हैं और चुनाव आयोग इनकी सुनवाई कर रहा है...
 
1. शिव चरण गोयल- मोती नगर
2. जरनैल सिंह- तिलक नगर
3. अलका लांबा- चांदनी चौक
4.कैलाश गहलोत- नजफ़गढ़
5.अनिल कुमार बाजपेई- गांधी नगर
6. राजेश गुप्ता- वज़ीरपुर
7. नरेश यादव- मेहरौली
8. राजेश ऋषि- जनकपुरी
9. मदन लाल- कस्तूरबा नगर
10. शरद चौहान- नरेला

वहीं, इस बारे में आप विधायकों ने अपनी सफाई देने की तैयारी शुरू कर दी है. दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक -
  1. लाभ के पद के दायरे में रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष का पद नहीं आता.
  2. दिल्ली विधायक अयोग्यता निवारण कानून 1997 में इस पद को लाभ के पद के दायरे बाहर किया गया है.
  3. पॉइंट 11 में जो हॉस्पिटल एडवाइजरी कमिटी है उसको 2009 में शीला दीक्षित ने नाम बदलकर रोगी कल्याण समिति कर दिया था.
  4. पॉइंट 14 के मुताबिक सरकार की बनाई किसी भी सोसाइटी के अध्यक्ष का पद लाभ के पद के दायरे से बाहर होगा (रोगी कल्याण समिति भी एक सोसाइटी है).

 

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