यह ख़बर 21 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

हिन्दी में 22 रचनाकारों को साहित्य अकादमी पुरस्कार

खास बातें

  • हिन्दी के लोकप्रिय कथाकार काशीनाथ सिंह सहित 22 भारतीय भाषाओं के रचनाकारों को बुधवार को वर्ष 2011 के साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया।
नई दिल्ली:

हिन्दी के लोकप्रिय कथाकार काशीनाथ सिंह सहित 22 भारतीय भाषाओं के रचनाकारों को बुधवार को वर्ष 2011 के साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया, जबकि मैथिली के पुरस्कार की घोषणा बाद में की जायेगी और नेपाली के लिए किसी रचनाकार को नहीं चुना गया। साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष विश्वनाथ तिवारी ने यहां बताया कि अध्यक्ष सुनील गंगोपाध्याय की अध्यक्षता में कार्यकारी मंडल की बैठक में अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त 24 भाषाओं में से 22 भाषाओं के निर्णायक मंडल द्वारा चुनी गयी पुस्तकों को वर्ष 2011 के साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया। उन्होंने बताया कि मैथिली भाषा के निर्णायक मंडल की बैठक नहीं हो पाने के कारण इसके लिए किसी पुस्तक का चयन नहीं किया गया और जल्द ही इसकी घोषणा कर दी जायेगी। वहीं, तकनीकी कारणों के चलते नेपाली भाषा के लिए किसी किताब को नहीं चुना गया। हिन्दी में काशीनाथ सिंह के उपन्यास रेहन पर रग्घू को अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया। इसके अलावा छह अन्य उपन्यासाकार कन्नड के लिए गोपालकृष्ण पै (स्वप्न सारस्वत), मणिपुरी के लिए क्षेत्री बीर (नंगबु डगाईबाड़ा), उडिया के लिए कल्पना कुमारी देवी (अचिह्न बासभूमि), पंजाबी के लिए बलदेव सिंह (ढावां दिल्ली दे किंगरे..), राजस्थानी के लिए अतुल कनक (जून जातरा) और तमिल के लिए एस वेंकटेशन (कवल कोट्टम) को अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया। वर्ष 2011 के अकादमी पुरस्कार में अंग्रेजी के लिए रामचंद्र गुहा के विवरणात्मक इतिहास इंडिया आफ्टर गांधी, गुजराती के लिए मोहन परमार के कहानी संग्रह अंचलो, मलयालम के लिए एम के सानू की जीवनी बशीर: एकान्त वीथियिले अवधूतन और सिन्धी के लिए मोहन गेहानी के नाटक ..ता ख्वाबां जो छा तिंडो को चुना गया। इस साल आठ काव्य संग्रहों को पुरस्कृत किया गया, जिसमें उर्दू के लिए खलील मामून (आफ़ाक़ की तरफ़), कश्मीरी के लिए नसीम शफाई (न छाय न अक्स), संस्कृत के लिए हरेकृष्ण शतपथी (भारतायनम), बांग्ला के लिए मनीन्द्र गुप्त (बने आज कनचेटरे), असमिया के लिए दिवंगत कबीन फुकन (एई अनुरागी एई उदास), बोडो के लिए प्रेमानन्द मोसाहारि (अखाफोरनि दैमा), संथाली के लिए आदित्य कुमार मांडी (बंचाओ लरहाई) और कोंकणी के लिए मेल्विन रोड्रीगस (प्रकृतिचो पास) शामिल हैं। वहीं, डोगरी के लिए ललित मंगोत्रा (चेतें दियां गलियां), मराठी के लिए ग्रेस (वार्याने हलते रान) और तेलुगु के लिए शामला सदाशिव (स्वरालयालु) निबंध संग्रह अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया। यह पुरस्कार एक जनवरी 2007 से 31 दिसंबर 2011 के दौरान प्रकाशित पुस्तकों पर दिया गया। साहित्य अकादमी पुरस्कार के रूप में ताम्रफलक, शॉल और एक लाख रुपये की नकद राशि प्रदान की जायेगी। इनको 14 फरवरी 2012 को राजधानी में आयोजित विशेष समारोह में ये पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे।


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