यह ख़बर 18 फ़रवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

लेफ्टिनेंट जनरल साहनी दोषी, तीन साल की सजा

खास बातें

  • साहनी को तीन साल के कठोर कारावास की सजा के साथ साथ उनके मेडल और स्टार आदि वापस ले लेने के आदेश दिए गए हैं।
जालंधर:

जम्मू-कश्मीर के सियाचिन और अन्य ऊंचाई वाले स्थानों पर तैनात सैनिकों के लिए घटिया राशन आपूर्ति कराने के आरोप में कोर्ट मार्शल का सामना कर रहे सेना के अवकाश प्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल एसके साहनी को तीन साल के कठोर कारावास की सजा के साथ साथ उनके मेडल और स्टार आदि वापस ले लेने के आदेश दिए गए हैं। सैन्य सूत्रों ने बताया कि अवकाशप्राप्त पूर्व सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल एसके साहनी (65) जीसीएम का सामना करने वाले इस रैंक के पहले ऐसे अधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि जालंधर स्थित वज्र कॉर्प में पूर्व सैन्य अधिकारी के खिलाफ राशन घोटाले के आरोप में जीसीएम की कार्रवाई चल रही थी। जीसीएम ने उन्हें दोषी पाते हुए तीन साल के कठोर कारावास एवं मेडल और स्टार छीन लेने की सजा सुनाई। सूत्रों ने यह भी बताया कि जीसीएम ने सुनवाई पूरी होने के बाद पूर्व सैन्य अधिकारी को सजा सुनाते हुए इस मामले की रिपोर्ट नई दिल्ली स्थित सैन्य मुख्यालय को भेज दी। सेना की नौकरी से 2006 में अवकाश लेने वाले लेफ्टिनेंट जनरल एसके साहनी के खिलाफ वर्ष 2005 में जम्मू और कश्मीर के सियाचिन और अन्य ऊंचाई वाले स्थानों पर तैनात सैनिकों के लिए घटिया मांस एवं अन्य सूखा राशन आपूर्ति कराने का आरोप था।


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