शिवपाल चाचा हैं गले मिलो | अमर सिंह मेरे भाई हैं, तुम्हारी हैसियत क्या है जो उन्हें गाली देते हो : मुलायम सिंह यादव

शिवपाल चाचा हैं गले मिलो | अमर सिंह मेरे भाई हैं, तुम्हारी हैसियत क्या है जो उन्हें गाली देते हो : मुलायम सिंह यादव

मुलायम सिंह यादव....

खास बातें

  • शिवपाल पार्टी के जमीन से जुड़े नेता : मुलायम सिंह यादव
  • अखिलेश और शिवपाल के समर्थकों के बीच हाथापाई
  • अखिलेश ने कहा- नई पार्टी नहीं बनाऊंगा
लखनऊ:

सपा में संग्राम जारी है. आज मुलायम सिंह यादव ने महाबैठक बुलाई तो संग्राम सड़क तक आ गया. सपा कार्यालय के बाहर अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के समर्थकों के बीच जमकर नारेबाजी और हाथापाई हुई. पुलिस ने समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए बल का प्रयोग किया.

महाबैठक में मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला और मुलायम के कहने से अखिलेश और शिवपाल यादव गले मिले.  हालांकि मुलायम के बोलने के दौरान दोनों के बीच बहस की भी खबर है.

जो उछल रहे हैं, वे एक भी लाठी नहीं झेल सकते : मुलायम
मुलायम सिंह यादव ने आज महाबैठक में कहा कि शिवपाल यादव बड़े नेता हैं.  पार्टी में टकराव से दुखी हूं. लोहिया जी के दिखाए मार्ग पर आगे चलें.

उन्होंने आगे कहा कि जरूरत पड़ी तो हम जेल जाने से भी पीछे नहीं हटे. पार्टी बनाने के लिए बहुत संघर्ष किया. हम जेल भी गए कोई नहीं जानता. साथ ही उन्होंने पार्टी नेताओं को हिदायत दी की ज्यादा बढ़-चढ़कर बातें नहीं करें. जो उछल रहे हैं, वे एक भी लाठी नहीं झेल सकते. हमें अपनी कमजोरियां दूर करनी चाहिए. हम कमजोरी दूर करने के बजाय लड़ने लगे.

पद मिलते ही दिमाग खराब हो गया है : मुलायम
मुलायम सिंह यादव ने इशारों में साफ कहा कि पद मिलते ही दिमाग खराब हो गया. अगर आलोचना सही है तो सुधरने की जरूरत है. कुछ नेता केवल चापलूस हैं. नारेबाजी करने वाले बाहर होंगे. उन्होंने कहा कि मैं पीएम बन सकता था, लेकिन समझौता नहीं किया. ऐसा नहीं है कि युवा मेरे साथ नहीं हैं, मैंने युवाओं को टिकट दिया है.

अमर सिंह और शिवपाल का साथ कभी नहीं छोड़ूंगा
मुलायम ने कहा, मेरे भाई हैं अमर सिंह. तुम्हारी हैसियत क्या है. जो उन्हें गाली देते हो. अमर सिंह ने हमें कई बार बचाया है. शिवपाल और अमर सिंह खिलाफ नहीं सुन सकता. शिवपाल और अमर सिंह का साथ कभी नहीं छोड़ूंगा.

अखिलेश हुए भावुक बोले- नई पार्टी क्यों बनाऊंगा
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने भावुक होकर कहा कि मैं नई पार्टी क्यों बनाऊंगा? मैं भी किधर जाऊंगा, मैं बर्बाद हो जाऊंगा. नेताजी मेरे लिए गुरु हैं, वह चाहें तो मुझे पार्टी से बाहर निकाल सकते हैं. वह कहते तो मैं इस्तीफा दे देता. अखिलेश ने अमर सिंह पर निशाना साधा और कहा कि पार्टी के खिलाफ साजिश करने वालों के खिलाफ बोलूंगा.

शिवपाल का आरोप- कसम खाकर कहता हूं अखिलेश ने नई पार्टी की बात कही थी
वहीं शिवपाल यादव ने समर्थकों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि अखिलेश ने अलग पार्टी बनाकर दूसरे दल के साथ चुनाव लड़ने की बात कही है. मैं कसम खाकर कहता हूं कि अखिलेश ने यह बात कही थी. क्या मैंने सीएम अखिलेश से कम काम किया है. मेरे विभाग छीने गए मेरा कसूर क्या था. मैंने सीएम और नेताजी के हर आदेश को माना. पार्टी में कुछ लोग सत्ता की मलाई चाट रहे हैं. हमने पार्टी बनाने के लिए संघर्ष किया. क्या सरकार में मेरा योगदान नहीं है. अब नेताजी नेतृत्व संभालें.

 


रविवार को भी कम नहीं मचा घमासान
इससे पहले रविवार को अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल समेत चार मंत्रियों को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया. थोड़ी ही देर बाद मुलायम ने अपने चचेरे भाई रामगोपाल को पार्टी से निकाल दिया. अब अखिलेश और मुलायम के दो गुट बन चुके हैं और दोनों एक-दूसरे पर बीजेपी से साठगांठ का आरोप लगा रहे हैं. रामगोपाल ने शिवपाल को व्याभिचारी कहा और शिवपाल ने भी रामगोपाल को बीजेपी का एजेंट बताया.

देर शाम सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के घर वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई. बैठक के बाद मुलायम सिंह ने बाहर निकलकर पत्रकारों से कहा, आज कुछ नहीं बोलूंगा, जो पूछना सोमवार को पूछ लेना.

अखिलेश ने की थी पिता की तारीफ
अखिलेश यादव ने इस पूरे मामले पर बयान दिया कि मुलायम सिंह यादव मेरे पिता हैं. सारी जिंदगी उनकी सेवा करूंगा. मैं पिता के खिलाफ नहीं हूं. पार्टी तोड़ना नहीं चाहते हैं. 5 तारीख को जो पार्टी का 25 साल का जश्न होने जा रहा है, उसमें जरूर शामिल होने जाऊंगा. उससे पहले 3 तारीख से रथ यात्रा भी शुरू करेंगे. अखिलेश का कहना है कि वह सिर्फ उनके खिलाफ हैं, जो अमर सिंह के साथ हैं और अमर सिंह की तरफदारी कर रहे हैं.

रामगोपाल यादव ने लिखी थी मुलायम को चिट्ठी
इसके साथ ही रामगोपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव के नाम चिट्ठी भी लिखी.  इसमें उन्होंने लिखा कि मुलायम न सिर्फ़ बड़े भाई, गुरु भी हैं. मुलायम अभी राक्षसी शक्तियों से घिरे हैं. मुक्त होने पर सच का अहसास होगा. इस धर्म युद्ध में मैं अखिलेश के साथ हूं. अखिलेश को फिर सीएम बनाने तक साथ हूं.पार्टी से निकाले जाने का दुख नहीं है. घटिया आरोप लगाए जाने से पीड़ा है. बीजेपी नेताओं से मिलना अपराध नहीं है.

रामगोपाल ने कार्यकर्ताओं को भी लिखी थी चिट्ठी

इसके साथ ही रामगोपाल यादव ने कार्यकर्ताओं को भी चिट्ठी लिखी.

प्रिय साथियों,
हम चाहते हैं कि माननीय मुख्यमंत्री अखिलेश के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार बने. वे चाहते हैं कि हर हालत में अखिलेश यादव हारें. हमारी सोच पॉज़िटिव है उनकी निगेटिव. माननीय मुख्यमंत्री के साथ वे लोग हैं, जिन्होंने पार्टी के लिए ख़ून बहाया, अपमान सहा. उधर वे लोग हैं जिन्होंने हज़ारों करोड़ रुपया बहाया, व्याभिचार किया और सत्ता का दुरुपयोग किया. जनता को भ्रमित करने के लिए कुछ लोग मध्यस्थता करते हैं, बयानबाज़ी करते हैं.
बहकावे में आने की जरूरत नहीं है. रथयात्रा विरोधियों के गले की फांस है, इस फांस को और SHARP करना है. अखिलेश का विरोध करने वाले विधानसभा का मुंह नहीं देख पाएंगे. न डरें, न विचलित हों. जहां अखिलेश वहां विजय.
सादर
भवदीय
रामगोपाल यादव

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