सऊदी अरब दूतावास के बाहर प्रदर्शन करते महिला कार्यकर्ता
नई दिल्ली: दो नेपाली लड़कियों से रेप के मामले में आरोपी सऊदी अरब के राजनयिक ने भारत छोड़ दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि फर्स्ट सेक्रेटरी होने की वजह से आरोपी डिप्लोमैट को इम्यूनिटी मिली थी। हांलाकि भारत चाहता था कि उसे पूछताछ के इजाज़त मिले लेकिन सऊदी अरब तैयार नहीं हुआ।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, ‘हमें पता चला कि दो नेपाली महिलाओं के बलात्कार के आरोपी प्रथम सचिव माजिद हसन अशूर ने भारत छोड़ दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘राजनयिक होने के कारण प्रथम सचिव राजनयिक संबंधों के वियना संधि के प्रावधान से नियंत्रित होते हैं।’ समझा जाता है कि विदेश मंत्रालय ने दोनों महिलाओं को बंधन बनाने और उनके साथ बलात्कार के मामले में आरोपों की गंभीरता को देखते हुए राजनयिक से पूछताछ की मंजूरी देने के लिए सउदी दूतावास पर दबाव डाला था जिसके बाद सउदी अरब ने राजनयिक को वापस बुलाने का फैसला किया।
राजनयिक की पत्नी और बेटी ने किया गुड़गांव पुलिस से दुर्व्यवहार
सऊदी अरब के राजनयिक की पत्नी और बेटी ने गुड़गांव पुलिस के अधिकारियों के साथ कथित तौर पर तब दुर्व्यवहार किया। यह घटना तब हुई जब वो उन दो नेपाली महिलाओं को बचाने के लिए वहां गए थे, जिससे राजनयिक ने कथित तौर पर बलात्कार किया था। पुलिस ने विदेश मंत्रालय को एक रिपोर्ट में यह कहा है। इस बारे में तथा अन्य तथ्यों की जानकारी तब प्रकाश में आयी जब गुड़गांव पुलिस की एक विस्तृत रिपोर्ट बुधवार को सामने आई। घटना के मामले में यह रिपोर्ट तैयार की गई है और इसे विदेश मंत्रालय को भेजा गया है। एक दिन पहले इसकी प्रति हरियाणा पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) को भेजी गई थी।
सऊदी राजनयिक के घर से दो महिलाएं मुक्त कराई गईं
सऊदी अरब के एक राजनयिक के गुड़गांव स्थित घर में दो महिलाओं को महीनों तक बंधक बनाकर रखा गया। एनडीटीवी को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार उनके साथ कथित तौर पर रेप भी किया गया। पुलिस ने स्थानीय लोगों और एनजीओ के दखल के बाद इन महिलाओं को छुड़वाया था। ये दोनों महिलाएं नेपाली मूल की हैं और राजनयिक के घर पर घरेलू नौकर के तौर पर काम करती थीं। सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया था कि ये लड़कियां जेद्दाह से ही बंदी हैं और यह परिवार उन्हें गुड़गांव भी अपने साथ लेकर पहुंचा है। यह मामला तब सामने आया, जब यहां आई नई नौकरानी पहले से मौजूद दो महिलाओं की हालत देखकर भागकर चली गई। इसके बाद उसने एक एनजीओ से संपर्क किया और वहां से पुलिस से संपर्क किया गया। सूत्रों के अनुसार नेपाली दूतावास ने भी शिकायतकर्ता का साथ दिया।