यह ख़बर 12 मार्च, 2011 को प्रकाशित हुई थी

समुद्री लूट पर रोक के लिए कानून पर विचार

खास बातें

  • इस कानून से खासकर सोमालियाई लुटेरों की भारतीय तट में बढ़ती गतिविधियों पर रोक लगाई जाएगी।
नई दिल्ली:

समुद्र में बढ़ती लूट की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए भारत एक घरेलू कानून बनाने पर विचार कर रहा है। इस कानून से खासकर सोमालियाई लुटेरों की भारतीय तट में बढ़ती गतिविधियों पर रोक लगाई जाएगी। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को दावा किया कि भारतीय और अन्य देशों की नौसेनाएं सोमालियाई लुटेरों पर शिकंजा कसने में कामयाब हुई हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "इसके परिणामस्वरूप उन्होंने हिंद महासागर की ओर रुख कर लिया है।" एक अन्य अधिकारी ने स्वीकार किया कि स्थिति 'गम्भीर' और 'दुखद' है लेकिन भारत सरकार सोमालियाई लुटेरों के कब्जे में अभी भी मौजूद 53 भारतीय नाविकों को मुक्त कराने का हरसम्भव प्रयास कर रही है। एक अधिकारी ने कहा, "समुद्री लूट से निपटने के लिए कोई अंतर्राष्ट्रीय कानून नहीं है। हम एक घरेलू कानून पर काम कर रहे हैं। हाल के वर्षो में सुमद्री लुटेरों की धमकियां बढ़ी हैं। यह बेहद जटिल मुद्दा है।" उन्होंने बताया कि प्रस्तावित कानून में भारतीय समुद्र सीमा में प्रवेश करने वाले समुद्री लुटेरों से सख्ती से निपटने का प्रावधान होगा। अधिकारी ने बताया कि सोमालियाई लुटेरों ने वर्ष 2010 में 1016 लोगों को बंधक बनाया। इनमें से 638 अभी भी बंधक हैं। लुटेरों ने पिछले वर्ष कुल 49 जहाजों को अगवा किया। अधिकारी के अनुसार समुद्री लुटेरों ने वर्ष 2007 से कुल 175 भारतीय नाविकों को अगवा किया। इनमें से 122 नाविकों को उन्होंने रिहा कर दिया जबकि 53 अभी भी उनके कब्जे में हैं।


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