यह ख़बर 10 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

आंध्र प्रदेश में चक्रवाती तूफान का खतरा, बिजली कर्मचारी लौटेंगे काम पर

आंध्र प्रदेश में चक्रवाती तूफान का खतरा, बिजली कर्मचारी लौटेंगे काम पर

हैदराबाद में सड़कों पर बारिश के पानी

हैदराबाद:

आंध्र प्रदेश में चक्रवाती तूफान के खतरे को देखते हुए तेलंगाना मामले पर हड़ताल कर रहे बिजली कर्मचारी सुबह 6 बजे से काम पर लौट रहे हैं। इससे पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने हड़ताल पर गए कर्मचारियों से काम वापस लौटने की अपील थी।

हालांकि कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने आंदोलन खत्म नहीं किया है। अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो वो फिर आंदोलन पर लौट सकते हैं।

उधर, आंध्र प्रदेश ने संभावित चक्रवाती तूफान फैलिन से निपटने के लिए कमर कसना शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि चक्रवाती तूफान के उत्तरी आंध्र प्रदेश के कलिंगपटनम एवं ओडिशा के पाराद्वीप तट तक शनिवार रात तक पहुंचने का अनुमान है।

राज्य के सभी नौ तटीय जिलों में चेतावनी जारी कर दी गई है। अधिकारी इस बात के लिए प्रयासरत है कि तूफान में कम से कम नुकसान हो। जिलों में विशेष अधिकारियों को स्थानीय अधिकारियों की मदद के लिए नियुक्त किया गया है। निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की तैयारियां की जा रही हैं। राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) से संपर्क बनाकर रखा गया है।

राज्य के राजस्व, राहत एवं पुनर्वास मंत्री एन. रघुवीरा रेड्डी ने कहा कि जिलाधिकायों को थल सेना, नौसेना और वायुसेना को सतर्क कर देने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जरूरत के समय त्वरित कार्रवाई की जा सके।

उधर, ओडिशा के मौसम विभाग के बुलिटेन के अनुसार, चक्रवात कलिंगपट्टनम के पूर्व दक्षिण- पूर्व में 900 किलोमीटर और विशाखापट्टनम के पूर्व-दक्षिण पूर्व में 950 किलोमीटर में भी स्थित है।

बुलेटिन में कहा गया, यह आगामी 12 घंटों में प्रचंड चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा। यह पश्चिमोत्तर की ओर बढ़ना जारी रखेगा। यह 12 अक्तूबर की रात को कलिंगपट्टनम और पारादीप के बीच ओडिशा तट और उत्तरी आंध्र प्रदेश को 175-185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की हवाओं के साथ पार करेगा। चक्रवात के प्रभाव के कारण ओडिशा के कई इलाकों में आगामी 24 घंटों में भारी वर्षा होने की संभावना है।

पारादीप और गोपालपुर बंदरगाहों पर डिस्टेंट वार्निंग सिगनल नंबर दो (डीडब्ल्यू-दो) को रखा गया है। ओडिशा के तट पर आगामी 12 घंटों के बाद तूफानी मौसम रहेगा।

बुलेटिन में बताया गया कि गहरे समुद्र में गए मछुआरों को तत्काल तट पर लौटने को कहा गया है। समुद्र में 12 घंटों के बाद कठिन से बेहद कठिन परिस्थितियां रहेंगी।

चक्रवात के ओडिशा के तट की ओर बढने के मद्देनज़र राज्य सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है और 14 जिलों में कर्मचारियों की दशहरे की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कलेक्टरों से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। बालेश्वर, भद्रक, मयूरभंज, क्योंझर, ढेंकनाल, जाजपुर, कटक, केन्द्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, पुरी, खुरदा, नयागढ़, गंजम और गजपति जिलों में अलर्ट जारी किया गया है।

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सूर्य नारायण पात्र ने लोगों से अपील की है कि वे घबराए नहीं, क्योंकि सरकार आपदा से निपटने के लिए सभी संभव उपाय कर रही है।

इससे पहले ओडिशा सरकार ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय से राहत एवं बचाव अभियानों के लिए हेलीकॉप्टर तैयार रखने को कहा था।

विशेष राहत आयुक्त पीके महापात्र ने बताया कि अधिकारियों से चक्रवात आश्रयों में खाद्य एवं राहत सामग्री का भंडार रखने के लिए कहा गया है।

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उन्होंने कहा कि सभी जिला कलेक्टरों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं ताकि वे सरकार के संपर्क में रह सकें। इसके अलावा मोबाइल सेवा प्रदाताओं से कहा गया है कि वे टावरों के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में तत्काल उनकी मरम्मत करें।

(इनपुट्स भाषा से भी)