यह ख़बर 08 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

कश्मीर में सात आतंकी ढेर, केरन अभियान खत्म

खास बातें

  • सेना ने मंगलवार को जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर केरन सेक्टर में 14 दिनों से चल रहे अभियान के समाप्त होने की जानकारी मंगलवार को दी। सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि यह अतिक्रमण नहीं, बल्कि घुसपैठ की हताश कोशिश थी।
श्रीनगर/नई दिल्ली:

सेना ने मंगलवार को जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर केरन सेक्टर में 14 दिनों से चल रहे अभियान के समाप्त होने की जानकारी मंगलवार को दी। सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि यह अतिक्रमण नहीं, बल्कि घुसपैठ की हताश कोशिश थी। जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि कुपवाड़ा में चलाए गए अभियान में सात आतंकवादी मारे गए हैं।

राष्ट्रीय राजधानी से सटे हिंडन में में वायुसेना के वार्षिक परेड में हिस्सा लेने पहुंचे जनरल सिंह ने समारोह से अलग संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा, "यह अतिक्रमण नहीं था, यह घुसपैठ का एक हताश प्रयास था।" उन्होंने कहा, "ये आतंकवादी एक हाल्लाह (सूखी धारा) में छिपे बैठे थे। एक नाले में बैठे होने के कारण उन्हें लाभ मिला। सात आतंकवादियों को मार गिराया गया।"

उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल संजीव चचरा ने कहा कि अभियान समाप्त हो गया। उत्तरी कमान ने ही आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाया। उन्होंने कहा, "मैंने सघन तलाशी समाप्त करने के निर्देश दिए हैं।"

सेना के कमांडर ने कहा कि सेना ने आठ आतंकवादियों को मार गिरया है जिनके शव और हथियार मीडिया के सामने प्रर्शित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा, "यह घुसपैठ का प्रयास था और यह सब सर्दियां शुरू होने तक जारी रहेगा। बीती रात भी घुसपैठ का एक प्रयास हुआ।"

सेना के शीर्ष अधिकारी ने कहा, "हम किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं और हमारे लड़के अच्छी स्थिति में हैं। उनका मनोबल शिखर पर है।" उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना के सभी पोस्ट जस के तस हैं और उन्होंने उन खबरों का खंडन किया जिसमें कहा गया है कि कुछ पोस्ट और भारतीय इलाके पर आतंकवादियों ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा, "हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि नियंत्रण रेखा की पवित्रता पूरी तरह बरकरार है।"

सेना के कमांडर ने कहा कि जब भी घुसपैठ का प्रयास होता है पाकिस्तानी सेना की सदैव उनकी मदद पहुंचाने की भूमिका रहती है। उन्होंने जोर देकर कहा, "पाकिस्तानी सेना के समर्थन के बगैर ही यह सब होता है ऐसा सोचना हास्यास्पद होगा।"

सेना की ओर से पहले 15 आतंकवादियों के मारे जाने की जानकारी के बारे में पूछे जाने पर सेना के कमांडर ने कहा, "कुछ शव संभवत: घसीट कर वापस ले जाए गए होंगे और कुछ आतंकवादियों का अन्य अभियानों में इस्तेमाल किया गया हो सकता है।" उन्होंने कहा, "यह घुसपैठ का हताश प्रयास था, क्योंकि भीतरी भूभाग में आतंकवादियों की संख्या कम हुई है।"

कमांडर ने कहा, "इलाके में हालांकि तलाशी बंद कर दी गई है, फिर भी हमने आतंकवाद-रोधी घेरे को और मजबूत बनाया है। अगली बार वे अन्य इलाकों में कोशिश कर सकते हैं, लेकिन हम चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार हैं।"

जनरल बिक्रम सिंह ने कहा, "पाकिस्तानी सेना की जानकारी के बगैर नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर कोई आतंकवादी गतिविधि चल सकती।" उन्होंने कहा कि सेना के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं, आतंकवादियों के पास से एक खत भी मिला है, जिसमें सीमा क्षेत्र के बारे में जानकारियां हैं। उन्होंने कहा, "घुसपैठियों को सुरक्षा देने के लिए पीछे से गोलीबारी भी पाकिस्तानी चौकियों से की जाती हैं।"

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जनरल सिंह ने बताया, "मुझे पक्का यकीन है कि नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्रों में हो रहे बदलावों की जानकारी और पाकिस्तानी सेना की मदद के बगैर आतंकवादी घुसपैठ नहीं कर सकते।"