मुंबई: महाराष्ट्र में अहमदनगर जिले के शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश से पाबंदी हटाने की मांग का समर्थन करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि भगवान लिंग-भेद नहीं कर सकते और उनका मानना है कि किसी को भी प्रार्थना करने से नहीं रोका जाना चाहिए।
पवार ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, 'मंदिरों में महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित करने वाले ये किस तरह के भगवान हैं? अगर वास्तव में ऐसे कोई भगवान हैं तो मैं उनमें विश्वास नहीं करता। मेरे भगवान लैंगिक भेदभाव नहीं कर सकते।'
उन्होंने कहा, 'मेरी मंदिर के अधिकारियों से बात हुई है और उनसे आग्रह किया है कि अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें और महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दें। फिर परिणाम देखने दीजिए।' एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि जब तक ग्रामीण परंपरागत रिवाजों को नहीं छोड़ते हैं तब तक सरकार बहुत कुछ नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा, 'पहले इस मुद्दे पर ग्रामीणों को विश्वास में लेना होगा और फिर सरकार इस बारे में कुछ कर सकेगी।' शनि शिंगणापुर मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति नहीं देने की प्राचीन परंपरा का उल्लंघन करते हुए महिला प्रदर्शनकारियों ने हाल में मंदिर में जबरन प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया।
इसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से मुलाकात कर इस सिलसिले में ज्ञापन सौंपा था। बाद में फडणवीस ने कई ट्वीट कर सांस्कृतिक परम्पराओं में बदलाव की वकालत करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म महिलाओं को प्रार्थना का अधिकार देते हैं।
आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर भी सात फरवरी को शनि शिंगणापुर मंदिर का दौरा कर मंदिर के अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच जारी गतिरोध को तोड़ने की कोशिश करेंगे।