नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी में जारी अंदरूनी गतिरोध के बीच पार्टी के एक अहम संस्थापक शांति भूषण के रुख में नरमी के संकेत हैं। शांति भूषण ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, 'हमारी राय में अरविन्द केजरीवाल, प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव तीनों का साथ रहना पार्टी के लिए बेहद ज़रूरी है। केजरीवाल को आल इंडिया संयोजक बने रहना चाहिए और प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव को उनका समर्थन करना चाहिए।'
आप के संस्थापक सदस्य रहे शांति भूषण का एनडीटीवी को दिए इस बयान को राजनीतिक गलियारों में काफी अहम माना जा रहा है। खास बात ये है कि शांति भूषण अभी तक अरविंद केजरीवाल के आलोचक रहे हैं। ऐसे में उनके रुख में आया बदलाव बेहद अहम है।
एनडीटीवी से बातचीत में शांति भूषण ने ये भी कहा कि केजरीवाल, प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव तीनों पार्टी की रीढ़ हैं और पार्टी के विकास के लिए ज़रूरी है कि तीनों साथ रहें।
पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य प्रो. आनंद कुमार ने शांति भूषण के बयान का स्वागत किया है। आनंद कुमार ने एनडीटीवी से कहा, 'असल में ये शक कि योगेन्द्र यादव कुर्सी के लालची हैं उनके (शांति भूषण) सुझाव से ही शुरू हुआ था। अगर उन्होंने ये कहा है कि केजरीवाल ही संयोजक रहें तो समझो की कांटा निकल गया।'
दरअसल पार्टी के एक तबके को ये डर सताने लगा है कि इस अंतर्रविरोध का असर पार्टी संगठन पर ना पड़े। प्रो. आनंद कुमार ने शांति भूषण को याद भी दिलाया कि वो जनता पार्टी और फिर जनता दल में विभाजन को करीब से देख चुके हैं। प्रो. आनंद कुमार ने एनडीटीवी से कहा, 'वो गाड़ी जो रुक गई हो, पंक्चर हो गई हो, लोग उससे उतर जाएंगे।'
आम आदमी पार्टी के गठन के बाद ये विवाद पार्टी के सामने शायद सबसे बड़ा संकट बनकर उभरा है। इस बार सवाल पार्टी में बड़े फैसले लेने के तौर-तरीकों के साथ-साथ उसकी विचारधारा और पार्टी के भविष्य की दिशा पर उठ रहे हैं। अब ये देखना अहम होगा कि पार्टी लीडरशिप इन सवालों से कैसे निपटती है।