यह ख़बर 01 सितंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

हजारे को जनता की आवाज क्यों कहें : थरूर

खास बातें

  • थरूर ने कहा है कि जो व्यक्ति कभी चुनाव में खड़ा नहीं हुआ हो उसे जनता की आवाज होने का दावा कैसे किया जा सकता है।
नई दिल्ली:

अन्ना हजारे पर निशाना साधते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा है कि जो व्यक्ति कभी चुनाव में खड़ा नहीं हुआ हो उसे जनता की आवाज होने का दावा कैसे किया जा सकता है। केरल से पहली बार सांसद चुने गए थरूर ने कहा, ऐसा नहीं हो सकता कि बिना चुने लोगों का छोटा समूह अपना विधेयक संसद पर थोपे क्योंकि लंबे समय में आप लोगों को ही इससे खतरा होगा। उन्होंने कहा, मैं यह नहीं मानता कि हम रामलीला मैदान या टेलीविजन स्टूडियो से लोकतंत्र चला सकते हैं। लोकतंत्र का संचालन संसद के दोनों सदनों से होना चाहिए। कांग्रेस सांसद ने कहा कि 500 से ज्यादा सांसद हैं और राज्य विधानसभाओं में हजारों जन प्रतिनिधि हैं जिन्होंने जनता से वोट मांगे और उनका समर्थन हासिल किया। उन्होंने बुधवार की रात जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अपने संबोधन में कहा, यदि इस तरह के लोग भारत की जनता के प्रतिनिधि नहीं कहे जाएंगे तो क्या उसे जनता की आवाज कहा जाएगा जो कभी चुनाव नहीं लड़ा हो लेकिन एक मैदान में जिसके चारों ओर कई सारे टीवी कैमरे हों और कुछ हजार लोग हों। क्या यही लोकतंत्र है। हालांकि उन्होंने हजारे की गिरफ्तारी को गलती बताते हुए कहा कि कोई भी सरकार गांधीवादी हजारे के मुद्दों से असहमति नहीं जता सकती।


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