यह ख़बर 07 सितंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

शीला और चिदंबरम ने सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की

खास बातें

  • दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने उच्च न्यायालय के गेट नंबर चार और पांच के बीच हुए विस्फोट के मद्देनजर गृहमंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात की।
नई दिल्ली:

दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने उच्च न्यायालय के गेट नंबर चार और पांच के बीच हुए विस्फोट के मद्देनजर गृह मंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात कर राजधानी की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे घबराएं नहीं। इस विस्फोट में 11 लोगों को जान गंवानी पड़ी जबकि 74 लोग घायल हुए हैं। सूत्रों ने कहा कि बैठक में शीला ने सुरक्षा प्रणाली में खामियों को लेकर चिंताएं व्यक्त कीं और गृह मंत्री से जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया ताकि इस तरह की घटना भविष्य में नहीं हो। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री से कहा कि सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए सभी उचित कदम उठाए जा रहे हैं। शीला ने लोगों से अपील की कि वे इस विस्फोट के बाद घबराए नहीं। उन्होंने कहा, हम वो सब करेंगे जो कुछ भी करने की जरूरत है ताकि इस तरह की घटना भविष्य में नहीं हो। मुख्यमंत्री ने कहा, मैं कहना चाहती हूं कि लोगों को घबराना नहीं चाहिए। यह बहुत त्रासदीपूर्ण घटना है। सभी को इसकी निंदा करनी चाहिए। वह बहुत दुखदायी घटना है और हम मरने वालों के परिवारों और घायलों के प्रति पूरी संवेदना रखते हैं। सुरक्षा पुख्ता करने पर जोर देते हुए शीला ने कहा कि गृह मंत्रालय ने इस विस्फोट की जांच का काम राष्ट्रीय जांच एजेंसी को दिया है और जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, उन्होंने (गृह मंत्रालय) ने जांच शुरू की है। जांच दल के अपनी रिपोर्ट तैयार करने के बाद हमें पता चलेगा कि चूक कहां हुई... क्या जांच नहीं की गई या प्रणाली में क्या कमी रह गई थी। शीला ने इससे पहले राम मनोहर लोहिया अस्पताल का दौरा करके घायलों से मुलाकात की और विस्फोट में मरने वालों के परिजनों को चार-चार लाख रूपये और स्थाई रूप से विकलांग होने वालों को दो-दो लाख रूपये के मुआवजे का ऐलान किया। विस्फोट में गंभीर रूप से घायल होने वालों को एक एक लाख रूपये जबकि मौत के शिकार नाबालिग के परिजनों को डेढ़-डेढ़ लाख रूपये दिए जाएंगे। मामूली रूप से चोटिल होने वालों को 10-10 हजार रूपये दिए जाएंगे। पूछे जाने पर कि क्या सुरक्षा में हुई चूक के लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, मुख्यमंत्री ने इस बारे में जवाब देने से इंकार किया लेकिन कहा कि गृह मंत्रालय इसे देखेगा। उन्होंने कहा, मैं दिल्ली पुलिस की ओर से जवाब नहीं दे सकती। गृह मंत्रालय इसे देख रहा है। अगर कर्तव्यों में कोई लापरवाही बरती गई तो इसे देखा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार विस्फोट के पीड़ितों को सभी संभव मदद उपलब्ध कराएगी। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को घायलों को सर्वश्रेष्ठ इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए।


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