यह ख़बर 09 नवंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

उद्धव ठाकरे ने चली दबाव बनाने की चाल, अनिल देसाई को दिल्ली एयरपोर्ट पर रुकने को कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की फाइल तस्वीर

मुंबई:

शिवसेना सांसद अनिल देसाई केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। लेकिन, सूत्रों का कहना है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर ही रुकने की हिदायत दी है। उनका महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा पर दबाव बनाने का प्रयास बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि शनिवार देर रात शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और भाजपा प्रमुख अमित शाह के बीच में बातचीत हुई और फिर शिवसेना केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने को तैयार हो गई।

वहीं, अन्य शिवसेना नेता सुरेश प्रभु के बारे में खबर है कि उन्हें भी मंंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। बताया जा रहा है कि शिवसेना ने साफ कर दिया है कि यह मंत्री भाजपा की मर्जी से बनाया जा रहा है, इसलिए यह मंत्री भाजपा के कोटे से होगा और उन्हें सांसद भी भाजपा के कोटे से ही बनाया जाएगा।  सुरेश प्रभु शिवसेना के नेता हैं उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद माना जाता है। सुरेश प्रभु वाजपेयी सरकार में बिजली मंत्री रह चुके हैं। सुरेश प्रभु फिलहाल किसी सदन के सदस्य नहीं है। उल्लेखनीय है कि प्रभु ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए भी प्रचार किया था। कहा जा रहा है कि सुरेश प्रभु और शिवसेना नेता में कुछ मनमुटाव चल रहा है।

इससे पहले, शनिवार को शिवसेना के प्रतिनिधि के केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल होने के रास्ते में एक बार फिर बाधा आ गई थी। सूत्रों ने बताया था कि बीजेपी के साथ बढ़ती दूरियों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चर्चा के लिए दिल्ली आए शिवसेना सांसद अनंत गीते को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने वापस बुला लिया।

सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने अनंत गीते को मिलने का वक्त नहीं दिया, जिसके बाद वह वापस मुंबई चले गए थे। सूत्रों ने साथ ही बताया था कि रविवार को होने वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में शिवसेना सांसद अनिल देसाई शपथ नहीं लेंगे और महाराष्ट्र में शिवसेना विपक्ष में बैठेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की योजना पूरी नहीं होने के बाद केंद्रीय मंत्री अनंत गीते ने कहा था, 'मैं उनसे नहीं मिल सका।'
केंद्रीय मंत्री अनंत गीते ने कहा कि पार्टी प्रतिनिधि के केंद्र सरकार में शामिल होने पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की योजना थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।

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शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पहले ही मांग कर दी है कि उनकी पार्टी को विश्वासमत से पहले देवेंद्र फडणवीस सरकार में शामिल किया जाना चाहिए। सीटों के बंटवारे को लेकर समस्याएं पैदा होने पर महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों से पहले गठबंधन टूटने के बाद से शिवसेना और भाजपा के रिश्ते तनावपूर्ण हैं।