हर उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश मिले : सुप्रीम कोर्ट में केरल सरकार

हर उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश मिले : सुप्रीम कोर्ट में केरल सरकार

खास बातें

  • 2007 की UDF सरकार के हलफनामे से विपरीत है यह हलफनामा
  • मंदिर में महिलाओं को प्रवेश न करने देना उनके साथ भेदभाव करना है.
  • मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं की प्रवेश पर प्रतिबंध है.
नई दिल्ली:

केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का मामले पर केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश दिया जाना चाहिए. केरल की LDF सरकार ने 2007 में UDF सरकार के हलफनामे के विपरीत यह हलफनामा दाखिल किया है. वहीं सबरीमाला मंदिर बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में केरल सरकार के इस कदम का विरोध किया, कहा कि सरकार अपने स्टैंड से पलट नहीं सकती.  सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 13 फरवरी को करेगा.

उल्लेखनीय है कि केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हो रही है.  याचिका में कहा गया है कि मंदिर में महिलाओं को प्रवेश न करने देना उनके साथ भेदभाव करना है.

2007 में केरल सरकार ने भी मंदिर प्रशासन के समर्थन में कहा था कि धार्मिक मान्यताओं की वजह से महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. भगवान अयप्पा को ब्रह्मचारी और तपस्या लीन माना जाता है. सबरीमाला मंदिर में परंपरा के अनुसार, 10 से 50 साल की महिलाओं की प्रवेश पर प्रतिबंध है. मंदिर ट्रस्ट की मानें तो यहां 1500 साल से महिलाओं की प्रवेश पर बैन है. इसके लिए कुछ धार्मिक कारण बताए जाते रहे हैं. केरल के यंग लॉयर्स एसोसिएशन ने बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 2006 में पीआईएल दाखिल की थी. करीब 10 साल से यह मामला कोर्ट में अधर में लटका हुआ है.


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com