सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री ने कहा, सामाजिक क्षेत्र में बुरी तरह पिछड़ा है भारत

सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री ने कहा, सामाजिक क्षेत्र में बुरी तरह पिछड़ा है भारत

सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री टी शन्मुगरत्नम पीएम नरेंद्र मोदी के साथ.

खास बातें

  • मौजूदा वृद्धि दर से 20 साल में भी चीन की बराबरी नहीं कर पाएगा भारत
  • 70 के दशक में भारत और चीन की बराबर थी प्रति व्यक्ति आय
  • चीन की प्रति व्यक्ति आय अब भारत से ढाई गुनी ज्यादा
नई दिल्ली:

दिल्ली के विज्ञान भवन के एक कार्यक्रम में सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री ने भारत सरकार को जैसे आईना दिखा दिया. प्रधानमंत्री मोदी सहित सभी बड़े मंत्रियों के बीच उन्होंने कहा कि भारत सामाजिक क्षेत्र में बहुत बुरी तरह पिछड़ा है और अगले 20 साल में भी चीन की बराबरी नहीं कर पाएगा.

मौजूदा नीतियों के बलबूते चीन की बराबरी असंभव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज... जैसे पूरी सरकार सुनती रही और सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री टी शन्मुगरत्नम बताते रहे कि मौजूदा नीतियों से तो भारत चीन की बराबरी करने से रहा. सिंगापुर के उप-प्रधानमंत्री टी शन्मुगरत्नम ने कहा, "सत्तर के दशक में भारत और चीन की प्रति व्यक्ति आय बराबर थी. लेकिन आज चीन की प्रति व्यक्ति आय भारत से ढाई गुनी ज्यादा हो चुकी है. अगर भारत अगले 20 साल में 8 से 10 फीसदी की ग्रोथ रेट से आगे बढ़ता है तब भी वह चीन की प्रति व्यक्ति आय के 70 फीसदी तक ही पहुंच पाएगा."

भारत में स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा संकट
मौका नीति आयोग की लेक्चर सीरीज़ ट्रांसफार्मिंग इंडिया के पहले लेक्चर का था. सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री ने दो टूक कहा- सामाजिक क्षेत्रों में भारत का संकट काफी बड़ा है. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा संकट स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में है. 43 फीसदी बच्चे अपर प्राइमरी स्कूल छोड़ देते हैं, सिर्फ 53% स्कूलों में लड़कियों के लिए टायलेट की सुविधा है. शन्मुगरत्नम ने कहा "स्कूल भारत की सबसे बड़ी समस्या हैं. यह वह संकट है जिसकी कोई दलील नहीं दी जा सकती."

मोदी ने माना, सरकारी तौर तरीके बदलने की जरूरत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने माना कि अब सरकारी कामकाज के तौर-तरीके को जल्द से जल्द बदलने की जरूरत है. उन्होंने कहा "भारत के लिए मेरी कल्पना धीरे-धीरे विकास की नहीं, तेज रफ्तार बदलाव की है. हमें वे प्रक्रियाएं खत्म करनी होंगी जो अनुपयोगी हैं, पुराने कायदे बदलने होंगे और रफ्तार तेज करनी होगी."

भारत सरकार को दिया संदेश
सिंगापुर के उप-प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी और उनके वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों की मौजूदगी में भारत की प्रशासनिक खामियों और चुनौतियों की लंबी सूची पेश कर दी...यह संदेश भी दिया कि अगर भारत चीन और दुनिया के दूसरे बड़े देशों से मुकाबला करना चाहता है तो उसे बड़े स्तर पर जल्दी पहल करनी होगी.


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