पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने जताई भारत से बिना पूर्व शर्त वार्ता की इच्छा

पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने जताई भारत से बिना पूर्व शर्त वार्ता की इच्छा

नवाज शरीफ (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने कहा है कि शांति और संम्पोषनीय विकास के लिए पाकिस्तान भारत के साथ बिना किसी पूर्व शर्त के बातचीत को तैयार है। पाकिस्तानी मीडिया हाउस जिओ न्यूज़ के हवाले से यह रिपोर्ट आई है। शरीफ ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान भारत और अफगानिस्तान समेत तमाम पड़ोसी देशों के साथ दोस्ताना संबंध बनाने की मंशा रखता है।

शरीफ ने कैमरन से मुलाकात में जाहिर की मंशा
शरीफ ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन से मुलाकात में यह बात कही है। शरीफ कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट मीटिंग के सिलसिले में माल्टा में हैं और कैमरन से इस मीटिंग से इतर हुई मुलाकात में यह बात शरीफ ने कही।

बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ने की उम्मीद फिर जगी
शरीफ के बयान से भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के सिलसिले को आगे बढ़ाने की एक नई उम्मीद जगी है। हाल ही में दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच की बातचीत हुर्रियत से मुलाकात के मुद्दे पर रद्द हो गई। पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाया कि पाकिस्तानी विदेश सचिव के हुर्रियत नेताओं से प्रस्तावित मुलाकात को न होने देने का बात कर अपनी तरफ से शर्त थोपने की कोशिश की। जबकि भारत का कहना है कि कश्मीर समस्या भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मसला है जिसमें कोई और तीसरा पक्ष नहीं है। ऐसे में हुर्रियत से बातचीत की बात बेमानी है जो भारत को मंजूर नहीं।

हुर्रियत की भूमिका पर रुख साफ नहीं
जाहिर है पाकिस्तान जिसे भारत की पूर्व शर्त करार देने की कोशिश में जुटा है भारत उसे पाकिस्तान की तरफ से थोपी गई शर्त मानता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की तरफ से बिना शर्त बातचीत की बात तो की गई है लेकिन यह नहीं साफ किया गया है कि क्या वे बिना हुर्रियत से मिले और बात किए भारत के साथ बातचीत को तैयार हैं या नहीं। क्योंकि इसी मुद्दे पर बातचीत की पिछली कोशिश परवान नहीं चढ़ पाई थी।

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भारत या पाकिस्तान आज की तारीख में कोई देश यह कहकर दुनिया की नाराज़गी मोल नहीं ले सकता कि वह बातचीत के पक्ष में नहीं है। यह भी कि वह बातचीत में कोई शर्त रखना चाहता है। इसलिए बिना शर्त बातचीत की रट पुरानी बात है। नई बात यह होगी अगर पाकिस्तान हुर्रियत नेताओं से मुलाकात की जिद छोड़कर बातचीत को आगे आए।