सोनिया और राहुल के बीच किसी तरह का मतभेद नहीं : कांग्रेस

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

कांग्रेस ने आज इन बातों को सिरे से खारिज किया कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बीच किसी तरह के मतभेद हैं। पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं कमल नाथ और दिग्विजय सिंह की ओर से हाल में दिए गए उन बयानों को भी उनकी 'निजी राय' बताया, जिसमें भ्रम की स्थिति और पीढ़ी का फर्क होने जैसी बातें कही गई थीं। पार्टी ने साफ किया कि सोनिया और राहुल 'एकजुट' तरीके से संगठन को संचालित कर रहे हैं।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी प्रवक्ता राजीव गौड़ा ने कहा, 'कई नेता अपनी निजी राय रख रहे हैं। जहां तक कांग्रेस के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का सवाल है, हम अध्यक्ष (सोनिया) और उपाध्यक्ष (राहुल) द्वारा पार्टी को एकजुट तरीके से चलाए जाने को लेकर काफी खुश हैं।'

बहरहाल, गौड़ा ने इस संभावना से भी इनकार नहीं किया कि राहुल इस साल किसी भी समय पार्टी अध्यक्ष का पद संभाल सकते हैं।

यह पूछे जाने पर कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आगामी सत्र में राहुल को अध्यक्ष बनाने से क्या पार्टी में पीढ़ीगत बदलाव आएगा, इस पर गौड़ा ने दिवंगत कांग्रेस अध्यक्ष के. कामराज की मशहूर तमिल टिप्पणी करते हुए 'परकलम' यानी इंतजार करिए और देखिए कहा। कमेटी का सत्र अप्रैल में आयोजित किया जा सकता है।

वहीं आज सुबह यह सवाल किए जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बस इतना कहा था, 'जब होगा तो आपको पता चल जाएगा।' साल 1998 में सीताराम केसरी से पदभार संभालने के बाद सोनिया सबसे लंबे समय तक कांग्रेस की अध्यक्ष बनी हुई हैं।

सोनिया की टिप्पणी के बारे में पूछने पर गौड़ा ने कहा, 'जब होगा तब हम देखेंगे।' ऐसी जोरदार अटकलें हैं कि अप्रैल के पहले हफ्ते में आयोजित होने वाले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र में राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

नौ बार से कांग्रेस के लोकसभा सांसद कमल नाथ ने कल कहा था कि एक ही पार्टी में निर्णय करने वाली दो इकाइयां हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि राहुल को कांग्रेस की कमान पूरी तरह सौंप देनी चाहिए।

कमलनाथ ने कहा था, 'सोनिया गांधी सोचती हैं कि राहुल कुछ कर रहे हैं और राहुल सोचते हैं कि सोनिया गांधी कुछ कर रही हैं। एक ऐसी स्थिति चाहिए जिसमें राहुल के हाथों में कमान हो।'

वहीं राजनीति से राहुल के 'भागने' की अटकलें खारिज करते हुए दिग्विजय ने कहा कि वह छुट्टी से वापस आने पर 'बड़ी भूमिका' निभाएंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि मां-बेटे के बीच 'मतभेद का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता' और 'उनके बीच परिवार के सदस्यों की तरह ही मजबूत संबंध हैं।'

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यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों नेताओं में राजनीतिक तौर पर मतभेद हैं, इस पर दिग्विजय ने कहा था, 'दोनों अलग-अलग पीढ़ियों के हैं। निश्चित तौर पर हर पीढ़ी की अपनी एक अलग मानसिकता होती है।'