खास बातें
- नोएडा की निलंबित आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल के मामले में कांग्रेस पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी की पीएम को चिट्ठी से बिफरी समाजवादी पार्टी ने आंखें तरेरते हुए कहा है कि वह फूड सिक्यूरिटी बिल के वर्तमान स्वरूप को नहीं स्वीकारती है।
नई दिल्ली: नोएडा की निलंबित आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल के मामले में कांग्रेस पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी की पीएम को चिट्ठी से बिफरी समाजवादी पार्टी ने आंखें तरेरते हुए कहा है कि वह फूड सिक्यूरिटी बिल के वर्तमान स्वरूप को नहीं स्वीकारती है। इसी के साथ अब तक वोटिंग के बारे में कुछ भी साफ न करने वाली सपा ने साफ कर दिया है कि वह संसद में वोटिंग के दौरान इस बिल के विरोध में मत देंगे।
वहीं, सपा की धुर विरोधी बहुजन समाज पार्टी ने अपना स्टैंड क्लीर करते हुए कहा है कि वह सैद्धांतिक रूप से इस बिल का समर्थन करती है।
उल्लेखनीय है कि एसडीएम दुर्गाशक्ति नागपाल के निलंबन के मामले में सोनिया गांधी ने पीएम मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखी है। सोनिया गांधी ने निलंबन के तरीके पर चिन्ता जताते हुए पीएम से अपील की है कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी अधिकारी के साथ नाइंसाफी न हो।
अखबारों में आ रही रिपोर्ट के मुताबिक अपनी डूटी पर तैनात एक अफसर के जरिये कुछ लोगों ने अपना स्वार्थ साधने की कोशिश की है जिसे लेकर चिंता जताई जा रही है। हमें इस बात का भरोसा दिलाना होगा कि उस अफसर के साथ कोई अन्याय नहीं हो और अधिकारी बगैर किसी डर या पक्षपात के अपना काम कर सकें।
लेकिन, इसके जवाब में यूपी की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी ने कोई कदम उठाने की बजाय उल्टे सोनिया पर ही हमला बोल दिया। समाजवादी पार्टी नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि सोनिया गांधी को दो और चिट्ठी लिखनी चाहिए। एक हरियाणा सरकार को जहां उनके दामाद रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ कार्रवाई करने पर आईएएस अशोक खेमका के राज्य सरकार ने कार्रवाई की। और दूसरी चिट्ठी राजस्थान सरकार को जिसने दो आईएएस अफसरों को भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने पर निलंबित किया।
गौरतलब है कि सरकार को संसद में बहुमत के अलावा तमाम बिलों को पास कराने के लिए सपा के समर्थन की आवश्यकता होती है।