यह ख़बर 18 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

अस्पताल में ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजे गए श्रीलाल शुक्ल

खास बातें

  • गम्भीर रूप से बीमार प्रसिद्ध साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल को साहित्य जगत का सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार अस्पताल के आईसीयू में प्रदान किया गया।
लखनऊ:

गम्भीर रूप से बीमार प्रसिद्ध साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल को साहित्य जगत का सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार मंगलवार को अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में प्रदान किया गया। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बीएल जोशी ने ज्ञानपीठ के पदाधिकारियों के साथ सोमवार शाम गोमती नगर स्थित सहारा अस्पताल जाकर श्रीलाल शुक्ल को सम्मानित किया। शुक्ल को पुरस्कार स्वरूप शॉल, स्मृतिचिह्न और पांच लाख रुपये नकद प्रदान किए गए। मीडिया को हालांकि अस्पताल के अंदर जाने की अनुमित नहीं दे गई थी। श्रीलाल शुक्ल के पुत्र आशुतोष ने संवाददाताओं को बताया, "सघन चिकित्सा कक्ष में भर्ती मेरे पिताजी को राज्यपाल ने वहीं जाकर सम्मानित किया। नाजुक हालत के कारण पिताजी इन लोगों से बात नहीं कर पाए। सम्मानित करने के बाद राज्यपाल ने करीब 10 मिनट तक वहां मौजूद रहकर चिकित्सकों से पिताजी के स्वास्थ्य की जानकारी ली।" ज्ञात हो कि लोकप्रिय उपन्यास 'राग दरबारी' के लेखक श्रीलाल शुक्ल की नाजुक हालत को देखते हुए भारतीय ज्ञानपीठ ने उन्हें अस्पताल में ही सम्मानित करने का फैसला लिया था। शुक्ल ने दो दिन पूर्व सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की और उसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने उनके फेफड़े में संक्रमण बताया है। फिलहाल उन्हें गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया है। उल्लेखनीय है कि 20 सितम्बर को वर्ष 2009 के लिए 45वां ज्ञानपीठ पुरस्कार श्रीलाल शुक्ल और कथाकार अमरकांत को संयुक्त रूप से देने की घोषणा की गई थी।


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