यह ख़बर 19 नवंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

जासूसी मामला : गुजरात के निलंबित अफसर के खुलासे से मचा बवाल

नरेंद्र मोदी व अमित शाह (फाइल चित्र)

नई दिल्ली:

गुजरात के मुख्यमंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी की ओर से वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी द्वारा एक युवती की जासूसी करवाने या नहीं करवाने को लेकर जारी विवाद में मंगलवार को उस समय एक नया मोड़ आया, जब वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी प्रदीप शर्मा ने एनडीटीवी से बातचीत में दावा किया कि उन्हें इसलिए निशाना बनाया गया है, क्योंकि वह राज्य के एक शीर्ष नेता के उस महिला से 'संबंधों' के बारे में जानते थे।

उल्लेखनीय है कि प्रदीप शर्मा इस जासूसी कांड के काफी अहम किरदार हैं, और उन्हें भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए गुजरात सरकार ने वर्ष 2010 में निलंबित कर दिया था, और भ्रष्टाचार के आरोप में वह गिरफ्तार भी किए गए थे, हालांकि फिलहाल वह वर्ष 2011 से जमानत पर बाहर हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक केस दायर किया, जिसमें उनका आरोप है कि उन्हें सिर्फ इसलिए फंसाया गया, क्योंकि वह एक शीर्ष नेता के एक नवयुवती से 'संबंधों' के बारे में जानते थे।

हाल ही में 'कोबरापोस्ट' और 'गुलेल.कॉम' ने सीबीआई की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग जारी की थी, जिसके अनुसार, वर्ष 2009 में गुजरात के तत्कालीन गृहमंत्री अमित शाह ने 'साहेब' के कहने पर राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को प्रदीप शर्मा तथा उस युवती की जासूसी करने का आदेश दिया था। कांग्रेस का आरोप है कि वह 'साहेब' मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जबकि सीबीआई का कहना है कि वह इन ऑडियो रिकॉर्डिंग की सत्यता की पुष्टि नहीं कर सकती।

प्रदीप शर्मा ने मंगलवार को एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट से इस बात की तहकीकात करवाने का अनुरोध करेंगे कि वर्ष 2009 में उनके (प्रदीप शर्मा के) फोन टेप करवाए गए थे या नहीं, और उनका पीछा करवाया गया था या नहीं। प्रदीप शर्मा के मुताबिक, उनके खुद के अलावा उस युवती का पीछा करवाए जाने की भी जांच होनी चाहिए।

प्रदीप शर्मा का कहना है, जासूसी करवाए जाने की इस घटना से साबित होता है कि मुझे सिर्फ इसलिए फंसाया गया, क्योंकि मैं उस लड़की के गुजरात के नेता से ताल्लुकात के बारे में जानता था।

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उधर, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दावा है कि लड़की का पिता पार्टी का ही समर्थक है, और उसने खुद मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में दखल देने का अनुरोध किया था, क्योंकि वह अपनी बेटी की सुरक्षा को लेकर चिंतित था, और बेटी के प्रदीप शर्मा से ताल्लुकात के खिलाफ था।