NGT का एक और आदेश : प्रदूषण मानकों पर खरा नहीं उतरे तो निर्माण कार्य पर लगेगी रोक

नई दिल्ली:

दिल्ली की ज़हरीली हवा को साफ़ करने की दिशा में नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल यानी एनजीटी ने एक और पहल की है। ट्राइब्यूनल ने शुक्रवार को एक नया आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक़ दिल्ली एनसीआर में उन पब्लिक या प्राइवेट कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम पर रोक लगेगी जो कि प्रदूषण के मानकों पर खरा नहीं उतरते।

एनजीटी ने रिएल एस्टेट क्षेत्र पर सख्ती करते हुए आज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निर्माण स्थलों से उड़ने वाली धूल से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कई दिशानिर्देश जारी किए। एनजीटी ने इसके साथ ही निर्माण श्रमिकों के लिए मास्क पहनना भी अनिवार्य कर दिया।

न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एनजीटी की पीठ ने कहा, 'निर्माण स्थल पर काम करने या निर्माण सामग्री चढ़ाने या उतारने के कार्य में लगे प्रत्येक श्रमिक को मास्क मुहैया कराया जाए। उन्हें यह मास्क मुहैया कराना मालिक या बिल्डर की बाध्यता होगी।' पीठ ने कहा कि अगर कोई डेवलपर आदेशों का उल्लंघन करते पाया जाता है तो वह 50 हजार रुपये का जुर्माने का भुगतान करने को उत्तरदायी होगा।

पीठ ने कहा कि सभी निगम, प्राधिकरण या किसी वाणिज्यिक, आवासीय या किसी भी छोटे प्लॉट पर निर्माण योजना की मंजूरी देने का अधिकार रखने वाली राज्य की इकाई यह स्पष्ट शर्त लगाएगी कि योजना की मंजूरी निर्माण के दौरान वन एवं पर्यावरण मंत्रालय 2010 के दिशानिर्देशों के सख्त अनुपालन के अधीन होगी।

पीठ ने कहा, 'ऐसे प्राधिकरण सभी बिल्डरों को नोटिस जारी करेंगे कि वे कोई भी निर्माण दिशानिर्देशों का पालन करते हुए करें।' पीठ ने इसके साथ ही यह निर्देश दिया कि प्रत्येक बिल्डर निर्माण क्षेत्र में तिरपाल की चादर लगाएगा। इसके साथ ही किसी भी बिल्डर, मालिक या व्यक्ति को निर्माण सामग्री विशेष रूप से बालू सड़कों या कॉलोनी के भीतर फेंकने की इजाजत नहीं दी जाएगी।


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