यह ख़बर 01 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

प्रदर्शन कर रहे इग्नू छात्रों की पुलिस से झड़प

खास बातें

  • नियमित पाठ्यक्रमों को बंद करने की कार्यवाहक उप कुलपति की कवायद के विरोध में प्रदर्शन कर रहे इग्नू छात्रों और पुलिस के बीच मंगलवार को झड़प हुई, जिसके बाद 56 छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया।
नई दिल्ली:

नियमित पाठ्यक्रमों को बंद करने की कार्यवाहक उप कुलपति की कवायद के विरोध में प्रदर्शन कर रहे इग्नू छात्रों और पुलिस के बीच मंगलवार को झड़प हुई, जिसके बाद 56 छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया।

पिछले कुछ दिनों से विश्वविद्यालय के मु्ख्य दरवाजे पर इंदिरा गांधी की मूर्ति के नीचे भूख हड़ताल कर रहे इन छात्रों ने मंगलवार को मेन गेट का दरवाजा बंद कर दिया और उप कुलपति प्रो. एम. असलम का रास्ता रोका। जिसके बाद मौके पर से उप कुलपति तो चले गए लेकिन कुछ ही देर बाद इग्नू प्रशासन ने पुलिस को बुला लिया।

पुलिस ने जबर्दस्ती दरवाजा खुलवाने की कोशिश की जिसके कारण छात्रों और पुलिस में झड़प हो गई। उसके बाद पुलिस ने वहां मौजूद सभी छात्रों को हिरासत में ले लिया।

हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने उन्हें नेब सराय पुलिस थाने में रखा हुआ है। छात्रों ने वहां मौजूद एक प्रो. ई. वायुनंदन पर भद्दी गालियां देने का भी आरोप लगाया है।

बाद में नेब सराय के एसएचओ हिरासत में लिए गए कुछ छात्रों को लेकर उपकुलपति के पास बातचीत के लिए ले गए हैं। इस मसले पर अभी तक इग्नू प्रशासन ने कुछ नहीं कहा है।

उल्लेखनीय है कि इग्नू के नियमित पाठ्यकमों के छात्र कार्यवाहक उप कुलपति एम. असलम के उस प्रयास का विरोध कर रहे हैं जिसके तहत वह पिछले उप कुलपति द्वारा लॉन्च किए गए इन पाठ्यक्रमों को बंद करना चाह रहे हैं। गौरतलब है कि असलम जल्द ही रिटायर होने वाले हैं।

सूत्रों के मुताबिक इग्नू में कुल 21 विभाग हैं, जिनमें से 14 विभागों के अध्यक्षों ने नियमित पाठ्यक्रमों को चलाने की हामी भरी है, लेकिन अभी भी इस साल के लिए नए प्रवेशों की अधिसूचना जारी नहीं की गई है। छात्र इसी मसले को लेकर नाराज हैं। छात्रों सहित कुछ फेकल्टी मेंबर्स ने भी अपना नाम न छापने की शर्त पर कहा कि दरअसल इस तरह देरी करके वह शैक्षिक सत्र को अनियमित करना चाह रहे हैं।

कुछ फेकल्टी मेंबर ने तो यहां तक कहा कि यह दो गुटों की लड़ाई जैसी हो गई है, यहां छात्रों का हित तो बहुत पीछे छूट गया है। पहला गुट वह है जो नियमित कक्षाओं को बंद करवाना चाहता है, क्योंकि वे क्लास लेने के लिए राजी नहीं हैं, दूसरा गुट वह है जो नियमित कक्षाओं को जारी रखना चाहता है। इन दो गुटों की लड़ाई में छात्र पिस रहे हैं। विडंबना यह है कि कार्यवाहक उप कुलपति नए उप कुलपति का इंतजार करना भी नहीं चाह रहे हैं।

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पूर्व में छात्रों के एक समूह ने इस सिलसिले में मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल तथा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज को भी एक ज्ञापन दिया है।