जानें किस बात से नाराज होकर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के होम सेक्रेटरी को तलब किया

जानें किस बात से नाराज होकर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के होम सेक्रेटरी को तलब किया

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के होम सेक्रेटरी को 15 सितंबर को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अक्सर ऐसा होता है कि हरियाणा सरकार के वकील कोर्ट में पेश नहीं होते।

कोर्ट ने एक केस में हरियाणा सरकार की अपील पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। बाद में हरियाणा के वकील ने दलील दी कि वो ट्रैफिक जाम में फंस गई थीं, इसलिए वक्त पर पहुंच नहीं पाईं। वकील ने जस्टिस रंजन गोगोइ और जस्टिस एनवी रमना से आदेश वापस लेने की अपील की लेकिन जस्टिस गोगोई ने कहा कि हम पहले ही होम सेकेट्री को पेश होने का नोटिस जारी कर चुके हैं। अब ये आदेश वापस नहीं करेंगे।

इधर राज्यों में सरकारी वकीलों की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट की दूसरी बेंच सुनवाई कर रही है और लगातार सवाल उठा रही है। कोर्ट ने कहा कि ये गंभीर मामला है। जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा कि हमने अपने अनुभव से पाया है कि राज्य सरकारें उन लोगों को भी सरकारी वकील बना देती हैं, जो दूसरा काम भी करते है। राज्यों में सरकारी वकीलों की नियुक्ति में पारदर्शिता की जरूरत है।

उन्होंने कहा, सरकारी वकीलों को पैसा जनता के टैक्स से जाता है। ऐसे में किसी को भी सरकारी वकील नहीं बनाया जा सकता। ऐसे वकीलों को नियुक्त करना चाहिए जिन पर कोई उंगली न उठा सके। सरकारी वकीलों की नियुक्ति के लिए कोई तो नियम होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि जितने कोर्ट हैं उससे ज्यादा सरकारी वकील हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा कि आपके यहां सरकारी वकील कैसे नियुक्त किए जाते हैं, यह 6 हफ्ते में बताएं। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हम इस मामले में जो भी आदेश जारी करें, उसे सभी राज्य सरकारों को मानना होगा।