डांस बार पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, दो हफ्ते में लाइसेंस पर निर्णय करे महाराष्ट्र सरकार

डांस बार पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, दो हफ्ते में लाइसेंस पर निर्णय करे महाराष्ट्र सरकार

प्रतीकात्मक फोटो

सुप्रीम कोर्ट ने आज महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वह उसके पूर्व आदेश को लागू करे तथा राज्य में डांस बार का लाइसेंस प्रदान करने के लिए होटल मालिकों के आवेदनो पर दो सप्ताह के भीतर निर्णय करे।

न्यायमूर्ति ने जताई अप्रसन्नता
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति पीसी पंत की पीठ ने इस बात पर अप्रसन्नता जतायी कि राज्य ने उसका पूर्व का आदेश लागू नहीं किया। बहरहाल, महाराष्ट्र सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि अदालत के किसी भी निर्देश का सम्मान किया जाएगा और वह लागू होगा।

डांस बार खोलने से बढ़ेंगे अपराध
इस बीच, पीठ ने आरआर पाटिल फाउंडेशन के अध्यक्ष विनोद पाटिल को मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति दे दी। पाटिल ने अपनी अर्जी में दावा किया कि डांस बारों को फिर से खोलने की अनुमति देने से अपराध बढ़ेंगे। महाराष्ट्र सरकार ने बंबई पुलिस कानून 2005 का संशोधन किया है। इसको इंडियन होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

बंबई हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल 2006 को सरकार के निर्णय को खारिज करते हुए प्रावधान को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। उसने कहा कि था कि यह संविधान के अनुच्छेद 19 :1::जी: (कोई भी व्यवसाय, नौकरी या व्यापार करना) के विरुद्ध है।

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सुप्रीम कोर्ट ने 16 जुलाई 2013 को राज्य सरकार के आदेश को निरस्त करने बंबई हाईकोर्ट के निर्णय को सही ठहराते हुए कहा कि प्रतिबंध से जीवन यापन के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है। महाराष्ट्र विधानसभा ने पिछले साल 13 जून को महाराष्ट्र पुलिस (दूसरा संशोधन) विधेयक पारित किया। इसके तहत तीन सितारा एवं पांच सितारा होटलों में डांस बार के लाइसेंस पर रोक लगायी गई है। इस प्रतिबंध के दायरे में रंगमंच, सिनेमा हाल, सभागार, खेल क्लब एवं जिमखाना शामिल हैं जिसमें केवल सदस्यों के लिए ही प्रवेश सीमित होता है।