यह ख़बर 23 अप्रैल, 2014 को प्रकाशित हुई थी

सरकारी विज्ञापनों पर सुप्रीम कोर्ट ने बनाई समिति

नई दिल्ली:

सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार तथा इसके विभागों की ओर से स्पष्ट राजनीतिक संदेश वाले विज्ञापन जारी करने को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश तय करने के उद्देश्य से बुधवार को एक तीन-सदस्यीय समिति का गठन किया।

सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी. सतशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ऐसे विज्ञापन डीएवीपी के मौजूदा दिशा-निर्देशों के तहत नहीं आते।

बेंगलुरु नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के संस्थापक निदेशक एनआर माधवन मेनन, लोकसभा के पूर्व महासचिव टीके विश्वनाथन और वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार समिति के सदस्य होंगे। न्यायालय ने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव इस समिति के साथ समन्वय करेंगे और इसे सहयोग देंगे। समिति अपनी पहली रिपोर्ट अगले तीन महीने के भीतर न्यायालय में पेश करेगी।


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