यह ख़बर 27 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

दागी मंत्रियों पर पीएम को आदेश देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कहा, पीएम खुद करें फैसला

नई दिल्ली:

दागी सांसदों को मंत्री बनाया जाए या नहीं, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला देने से इनकार कर दिया है और इसे प्रधानमंत्री के विवेक पर छोड़ दिया है।

कोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री को आदेश नहीं दिया जा सकता, इसलिए वह यह निर्णय स्वयं लें कि जिन मंत्रियों के खिलाफ केस चल रहे हैं, उन्हें मंत्री बनाए रखा जाए या नहीं।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री को सलाह दी है कि कैबिनेट में साफ छवि के लोगों को जगह दी जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार देश का दुश्मन है और संविधान के संरक्षक की हैसियत से प्रधानमंत्री से अपेक्षा की जाती है कि वह 'अवांछित' व्यक्तियों को मंत्री न नियुक्त करें, हालांकि अनुच्छेद 75 में अयोग्यता संबंधी कोई नियम नहीं जोड़ा जा सकता है।

चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने यह फैसला एक जनहित याचिका पर दायर पुनर्विचार अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया। याचिकाकर्ता मनोज नरूला ने एक जनहित याचिका दाखिल कर कैबिनेट से आपराधिक पृष्ठभूमि वाले मंत्रियों को हटाने की मांग की थी, जिसे 2004 में कोर्ट ने खारिज कर दिया था, लेकिन याचिकाकर्ता की तरफ से पुनर्विचार याचिका दायर करने पर कोर्ट ने मामले को संवैधानिक बेंच भेज दिया था।

नरेंद्र मोदी की सरकार में 12 ऐसे मंत्री हैं, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती के खिलाफ 13 केस दर्ज हैं, इनमें से छह दंगों से जुड़े हुए हैं, जबकि दो हत्या से संबंधित हैं।

परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ चार केस हैं, जिनमें से एक मामला धमकी देने का और दो गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने से संबंधित हैं। ग्रामीण विकास मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ चार केस दर्ज हैं। कुशवाहा के खिलाफ दर्ज मामलों में से एक मामला रिश्वत मांगने से जुड़ा हुआ है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्री राव साहेब दादाराव दांवे पर चार केस दर्ज हैं। इनमें से दो मामले दंगों से जुड़े हुए और दो हमला करने को लेकर है।

इनके अलावा डॉ हर्षवर्धन, धर्मेंद्र प्रधान, जनरल वीके सिंह, जुअल ओरांव, मेनका गांधी, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रकाश जावड़ेकर, रामविलास पासवान, संजीव कुमार बालयान भी मौजूदा सरकार के ऐसे मंत्री हैं, जिन पर केस दर्ज हैं।


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