नई दिल्ली: एसिड अटैक मामले पर सुनावाई के दौरान याचिकाकर्ता एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अब भी कई जगह आसानी से एसिड की बिक्री हो रही है और राज्य इसे रोकने में नाकाम रहे हैं। इस वजह से एसिड अटैक के मामले बढ़ गए हैं। पिछले साल 310 मामले सामने आए, जिनमें सबसे ज्यादा उत्तरप्रदेश में 186, मध्यप्रदेश में 53 और दिल्ली में 27 मामले शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों द्वारा एसिड एक्ट मामले में हलफनामा दाखिल नहीं करने पर नाराजगी जताई और मध्यप्रदेश, मिजोरम, केरल और कर्नाटक के चीफ सेकेट्री को नोटिस जारी कर दिया। अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
कोर्ट ने इनके खिलाफ नोटिस जारी करते हुए कहा है कि क्यों ना उनके खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला चलाया जाए। कोर्ट ने कहा कि राज्यों के चीफ सेकेट्री को हलफनामा देने या पेश होने के लिए कहा गया था। अफसरों को देश की शीर्ष अदालत की मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए था।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने एसिड अटैक के पीड़ितों को मेडिकल सुविधा, मुआवजा और पुर्नवास के लिए गाइडलाइन जारी की थी और सारे राज्यों से हलफनामा दाखिल करके यह बताने को कहा था कि गाइडलाइन को लागू करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।