केजरीवाल कथा! एक ही वकील पेश हुआ मुख्यमंत्री के पक्ष और विपक्ष में

केजरीवाल कथा! एक ही वकील पेश हुआ मुख्यमंत्री के पक्ष और विपक्ष में

नई दिल्ली:

दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी रहत मिली है। कोर्ट ने नितिन गड़करी और एक वकील की मानहानि के केस पर रोक लगा दी है। साथ ही कानून मंत्रालय को नोटिस भी जारी किया है। केजरीवाल ने अपराधिक मानहानि के कानून को चुनौती दी है। खास बात ये रही की इस केस में वरिष्ठ वकील राजीव धवन केजरीवाल के लिए पेश हुए, लेकिन कुछ देर बाद सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की कोर्ट में धवन अमित सिब्बल की मानहानि केस में केजरीवाल के खिलाफ पेश हुए।

दरअसल अरविंद केजरीवाल इस वक़्त अपराधिक मानहानि के कई मामलों में फंसे हुए हैं। 2014 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उन पर पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि का मामला दायर किया था, जिसमें जमानत के लिए बॉन्ड न भरने पर केजरीवाल को जेल भी भेजा गया था।

इसी तरह कड़कड़डूमा कोर्ट में वकील एसके शर्मा ने भी उन पर मानहानि का मुक़दमा किया है। शर्मा को आम आदमी पार्टी ने पहले शाहदरा से टिकट दिया था लेकिन बाद में उनका टिकट काट दिया गया। इसके लिए प्रेस रिलीज़ जारी की गई, जिसे शर्मा ने मानहानि का मामला बताया।

इन्ही मामलों को लेकर केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुचे हैं। उन्होंने अपराधिक मानहानि कानून IPC 499,500 की सविधानिक वैधता को चुनौति दी है और इसे खत्म करने की मांग की है। इसी दौरान केजरीवाल ने दोनों मामलों पर रोक लगाने की मांग भी की। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मामलों पर रोक लगाते हुए सरकार को नोटिस जारी कर दिया। अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।

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हालांकि इसी तरह की याचिका बीजेपी नेता सुब्रह्मणियम स्वामी ने भी दायर कर रखी है और इस मामले को भी उसी के साथ जोड़ दिया गया है। वहीं कपिल सिब्बल के बेटे अमित सिब्बल की मानहानि केस में चीफ जस्टिस ने 8 हफ्ते के लिए सुनवाई टाल दी। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में वो पहले कानून की वैधता पर फैसले का इंतज़ार करेंगे।