सुप्रीम कोर्ट की जोरदार फटकार से झारखंड पुलिस की 'मुस्कान' गायब

सुप्रीम कोर्ट की जोरदार फटकार से झारखंड पुलिस की 'मुस्कान' गायब

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली:

झारखंड की तीन नाबालिग आदिवासी बच्चियों को 'ऑपरेशन मुस्कान' और 'ऑपरेशन स्माइल' के तहत गुड़गांव के चाइल्ड केयर होम से उनके मां बाप के पास भेजने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। झारखंड पुलिस को जमकर फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि क्या पुलिस बच्चों को वर्दी और एक के 47 के साये में पूरा देश घुमाना चाहती है।

कानून के दायरे में काम करे देश की पुलिस
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सख्त हिदायत दी कि देश की पुलिस 'ऑपरेशन मुस्कान' और 'ऑपरेशन स्माइल' में कानून के दायरे के भीतर ही काम करे।  झारखंड पुलिस से पूछा कि बिना गुड़गांव पुलिस को सूचित किए पुलिस टीम कैसे चाइल्ड केयर होम तक पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार और झारखण्ड सरकार से कहा है कि सोमवार तक इस मामले से सम्बंधित सभी दस्तावेज गुड़गांव की चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को दें। सुप्रीम कोर्ट ने गुड़गांव की चाइल्ड वेलफेयर कमिटी को निर्देश दिया है कि इस मामले का निपटारा 14 दिसंबर से पहले करें।

तीन नाबालिग बच्चियों ने दायर की याचिका
इस मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी। दरअसल झारखंड की तीन नाबालिग आदिवासी बच्चियों ने याचिका दाखिल कर वापस झारखंड भेजे जाने पर रोक की मांग की है। पिछली बार मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मामला बेहद गंभीर है। लड़कियां उस उम्र में हैं जब उनको सबसे ज्यादा सुरक्षा और देखभाल की जरूरत है। कोर्ट ने कहा हम बस यह चाहते हैं कि लड़कियां सुरक्षित रहें।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

घर नहीं जाना चाहतीं, स्वयंसेवी संस्था के पास खुश
केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन में ऑपरेशन मुस्कान और ऑपरेशन स्माइल के तहत उन सभी नाबालिग आदिवासी बच्चों को अपने राज्य वापस भेजने को कहा गया था जो कि अपने अभिभावकों के साथ नहीं रहते। तीन नाबालिग आदिवासी लड़कियों ने याचिका में कहा है कि वे स्वयंसेवी संस्था के साथ खुश हैं और घर वापस नहीं जाना चाहतीं। उन्होंने कहा कि यहां उनकी अच्छी देखभाल हो रही है और वे अच्छे स्कूल में पढ़ रही हैं।