यह ख़बर 24 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

ओडिशा में बीजेडी विधायक का अपहरण

खास बातें

  • ओडिशा में बीजेडी विधायक का अपहरण हो गया है। इस घटना के पीछे नक्सलियों के हाथ होने का शक जताया जा रहा है। अपहृत विधायक का नाम झीना हिक्का है।
भुवनेश्वर:

ओडिशा में दस दिन पहले दो इतालवी नागरिकों को बंधक बनाए जाने का मसला हल भी नहीं हो पाया कि माओवादियों ने शनिवार तड़के कोरापुट जिले से सत्तारूढ़ बीजद के एक आदिवासी विधायक का अपहरण कर सरकार की परेशानी बढ़ा दी।

लक्ष्मीपुर के विधायक झीना हिकाका के अपहरण के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधक मंत्री एस एन पात्रो और अनुसूचित जाति जनजाति विकास मंत्री लाल बिहारी हिमिरिका को उस इलाके में भेजा है। हिकाका आज सुबह कोरापुट से अपने घर लौट रहे थे कि तोयापुत के समीप करीब 50 सशस्त्र माओवादियों ने एक ट्रक से रास्ता अवरूद्ध कर उनकी गाड़ी रोकी।

कोरापुट के पुलिस अधीक्षक अविनाश कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हिकाका के निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) और वाहन चालक से मोबाइल फोन छीन कर दोनों को माओवादियों ने जाने दिया। हिकाका को वह लोग बंदूक दिखा कर अपने साथ ले गए। इससे पहले पटनायक ने माओवादियों से हिंसा त्यागने की अपील की थी।

अपहरण की घटना को लेकर विपक्ष ने राज्य विधानसभा में खूब हंगामा किया। पटनायक ने शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। सदन में दिए गए एक बयान में उन्होंने कहा कि देर रात करीब एक बजे लक्ष्मीपुर के विधायक झीना हिकाका का तोयापुत के समीप कोरापुट-लक्ष्मीपुर मार्ग पर अपहरण कर लिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक किसी भी गुट ने अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है। आशंका है कि यह अपहरण माओवादियों ने किया है। वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा ‘मैंने इस घटना के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम से और मुख्य सचिव ने केंद्रीय गृह सचिव से बात की है।’ अपहृत विधायक की पत्नी कौशल्या ने अपहरणकर्ताओं से अपने पति को रिहा करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि उनके पति आदिवासियों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं।

इतालवी बंधक संकट के बारे में पटनायक ने कहा कि इस मुद्दे के हल के लिए बातचीत जारी है। राज्य विधानसभा में विधायक के अपहरण का मामला विपक्ष ने जोरशोर से उठाया। विपक्षी कांग्रेस और भाजपा के सदस्यों ने आसन के समक्ष आ कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और उस पर कानून व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रहने का आरोप लगाया। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की बैठक 12 बज कर तीस मिनट तक स्थगित कर दी गई।

विधायक के अपहरण की सूचना पीएसओ और ड्राइवर उग्रसेन ने लक्ष्मीपुर पुलिस थाने को दी। दोनों ने कहा कि उनकी गाड़ी रोक कर कई सशस्त्र व्यक्तियों ने उन्हें घेर लिया था।

उग्रसेन ने कहा ‘उन्होंने मेरा और पीएसओ का मोबाइल फोन छीन लिया और हमें जाने को कह दिया। उन्होंने हमसे यह भी कहा कि हम लोगों को बताएं कि विधायक का माओवादियों ने अपहरण कर लिया है।’ हिकाका के अपहरण के विरोध में स्थानीय नागरिकों ने कोरापुट लक्ष्मीपुर मार्ग पर यातायात अवरूद्ध कर दिया और विधायक की तत्काल रिहाई की मांग की।

करीब दस दिन पहले माओवादियों ने कंधमाल जिले से 14 मार्च को दो इतालवी नागरिकों का अपहरण कर लिया था। उनकी रिहाई के लिए सरकार के प्रतिनिधियों और माओवादियों द्वारा चुने गए वार्ताकारों के बीच बातचीत चल रही है। माओवादियों की ओर से नियुक्त वार्ताकार बी डी शर्मा और दंडापानी मोहन्ती ने विधायक को तत्काल रिहा करने की अपील की है।

इस बीच, माओवादियों ने अपने खिलाफ अभियान रोकने तथा विद्रोही होने के आरोप में जेल में बंद कई लोगों की रिहाई की मांग की है और ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। पुलिस ने बताया कि जिस स्थान पर विधायक का अपहरण हुआ वहां माओवादियों की मांग और बंद को समर्थन देने की अपील वाले पर्चे भी पाए गए।

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(इनपुट भाषा से भी)