यह ख़बर 21 अक्टूबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

संघर्षविराम का उल्लंघन जारी रखने पर पाक इसका ‘दर्द’ महसूस करेगा : रक्षामंत्री जेटली

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

भारत ने मंगलवार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर पाकिस्तान संघर्षविराम का उल्लंघन जारी रखता है, तो वह इस 'दुस्साहस' के कारण होने वाले 'दर्द को महसूस' करेगा और साथ ही कहा कि पहले देश हाथ में सिर्फ 'ढाल' होती थी, लेकिन अब उसके साथ 'तलवार' भी होगी।

रक्षामंत्री अरुण जेटली ने इसके साथ ही कहा कि अगर पाकिस्तान वार्ता के लिए माहौल तैयार करता है तो भारत बातचीत के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से संघर्षविराम के उल्लंघन की छिटपुट घटनाएं ही हो रही हैं जबकि पहले 'बड़ी संख्या' में ऐसे उल्लंघन हो रहे थे।

जेटली ने एनडीटीवी से कहा, '... जब पाकिस्तान गोलाबारी करता है, अगर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तो बीएसएफ जवाब देता है, वे नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर गोलाबारी करते हैं तो सेना जवाब देती है। हमारी परंपरागत क्षमता उनकी तुलना में काफी ज्यादा है और इसलिए अगर वे यह जारी रखते हैं तो उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। वे इस प्रकार के दुस्साहस के कारण दर्द भी महसूस करेंगे।'

उन्होंने कहा, '.. सामान्य रूप से जब पाकिस्तान इस प्रकार की घटनाओं में लिप्त होता था, तो हम कुछ जवाब देते थे। लेकिन हम हमेशा अपने हाथ में ढाल लिए रहते थे। इस बार हमारे हाथ में तलवार भी है।'

पाकिस्तान द्वारा हाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि इस बार उल्लंघन काफी ज्यादा था और इसलिए आनुपातिक जवाब दिया गया।
उन्होंने कहा, 'जब आप हद पार कर जाते हैं तो यह पूरी तरह से अस्वीकार्य हो जाता है।' वार्ता के बारे में जेटली ने कहा कि सरकार ने कभी नहीं कहा कि वह पाकिस्तान से बातचीत नहीं करेगी।

उन्होंने कहा, 'निश्चित रूप से हम वार्ता के लिए तैयार हैं। यह पाकिस्तान पर है कि वह वार्ता के लिए माहौल तैयार करे। यह संदेश पाकिस्तान को दे दिया गया है।'

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को 'ट्रिगर' बंद करना होगा जिससे वार्ता का माहौल खराब हुआ। जेटली के अनुसार 'ट्रिगर' का मतबल सीमा पार से आतंकवाद और नियंत्रण रेखा पर तनाव था।

जेटली ने कहा कि अगर वे इन मुद्दों पर अपने रुख में नरमी लाते हैं तो संभवत: वार्ता के लिए माहौल बन सकता है।

दो महीना पहले विदेश सचिव स्तरीय वार्ता के ठीक पूर्व पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित के कश्मीरी अलगाववादियों से मुलाकातों का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि यह 'पूरी तरह से उकसाने वाला' कृत्य था।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार और देश को तोड़ने की इच्छा रखने वाले लोगों के साथ एक साथ ही बातचीत नहीं की जा सकती।

जेटली ने कहा, 'इसलिए पाकिस्तान को सख्त संदेश दिए जाने की आवश्यकता थी, और यहां राजग सरकार कुछ भिन्न है। हमने उन्हें सख्त संदेश दिया।' वह विदेश सचिव स्तरीय वार्ता रद्द किए जाने का जिक्र कर रहे थे।

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उन्होंने हाल में जम्मू-कश्मीर में आईएसआईएस के झंडे दिखने को 'निजी लोगों की छिटपुट घटनाएं' बताते हुए खारिज कर दिया।