यह ख़बर 19 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

हजारे और केजरीवाल हुए अलग, बिखर गई टीम अन्ना

खास बातें

  • भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के अगले स्वरूप को लेकर अन्ना हजारे और उनकी पूर्ववर्ती टीम की हुई बैठक विफल हो गई और हजारे ने टीम के टूटने की औपचारिक घोषणा की।
नई दिल्ली:

भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के अगले स्वरूप को लेकर अन्ना हजारे और उनकी पूर्ववर्ती टीम की हुई बैठक विफल हो गई और हजारे ने टीम के टूटने की औपचारिक घोषणा की।

बैठक के बाद हजारे ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि टीम अलग हो गई है। मैं किसी पार्टी या समूह में शामिल नहीं होऊंगा। मैं उनके प्रचार अभियान में शामिल नहीं होऊंगा। मैंने उन्हें अपना फोटो और नाम के इस्तेमाल से मना कर दिया है। आप खुद से लड़िए।’

गौरतलब है कि हजारे और उनकी पूर्ववर्ती टीम ने पिछले साल मौजूदा सरकार पर यह आरोप लगाया था कि वह करोड़ों रुपये खर्च कर उन्हें तोड़ने की कोशिश में लगी है लेकिन आज भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के अगले स्वरूप को लेकर हुई बैठक में अन्ना की अगुवाई वाला ‘टीम अन्ना’ आंदोलन बिखर गया।

अन्ना के नेतृत्व में यहां जंतर-मंतर पर भ्रष्टाचार के विरूद्ध पहला अनशन 2011 में अप्रैल महीने में हुआ था।

केजरीवाल पर हमला करते हुए हजारे ने कहा कि अगर जनता का भारी समर्थन राजनीतिक दल के गठन के पक्ष में था तो फिर आज की बैठक बुलाई ही क्यों।

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बंद कमरे में यहां नौ घंटे से ज्यादा चली बैठक के बाद हजारे ने कहा कि केजरीवाल और उनके रास्ते अलग हो गए हैं। उन्होंने केजरीवाल को नई पार्टी की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों को लगता है कि पार्टी बनाने से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सकती है लेकिन मैं पहले से कहता रहा हूं कि चुनाव नहीं लड़ूंगा और उन्हें मेरी शुभकामनाएं रहेंगी।’