खास बातें
- सीबीआई ने भी अपनी हर जांच रिपोर्ट को लोकपाल से मंजूर कराने के प्रस्ताव का विरोध किया है और कहा है कि इससे उनकी स्वायत्तता को खतरा है।
New Delhi: टीम अन्ना ने लोकपाल बिल पर संसद की स्थायी समिति की सिफारिशों को खारिज करते हुए दावा किया है कि इनसे भ्रष्टाचार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और ये मौजूदा भ्रष्टाचार विरोधी व्यवस्था को ध्वस्त कर देंगी। हजारे पक्ष के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा, संसद की स्थायी समिति की जिन सिफारिशों की बात सामने आ रही है, मुझे नहीं लगता कि भ्रष्टाचार पर इनका कोई असर होगा। इसके उलट, इससे हमारे यहां मौजूदा भ्रष्टाचार विरोधी व्यवस्था के भी खत्म होने की आशंका है। स्थायी समिति की ओर से सीबीआई को तीन हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव दिए जाने का दावा करते हुए केजरीवाल ने कहा कि इस कदम से यह जांच एजेंसी अपंग हो जाएगी। उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को मजबूत करने की बजाय वे लोग अन्ना आंदोलन का बहाना लेकर बची-खुची चीजों को भी कमजोर करते दिखाई पड़ रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि अन्ना हजारे अपना प्रस्तावित अनशन करेंगे, केजरीवाल ने कहा कि इस बारे में गांधीवादी नेता को फैसला करना है। उन्होंने कहा, जहां तक अनशन का सवाल है, इस बारे में अन्ना ही फैसला करेंगे। केजरीवाल ने कहा, फिलहाल मैं इतना कह सकता हूं कि हम आखिरी दम तक एक सशक्त लोकपाल को लेकर प्रतिबद्ध हैं। उधर, सीबीआई ने भी जांच की हर फाइनल रिपोर्ट को लोकपाल से मंजूर कराने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए एक बयान जारी करके कहा कि इससे एजेंसी की स्वायत्तता खतरे में पड़ जाएगी।(इनपुट एजेंसियों से भी)