यह ख़बर 20 मार्च, 2011 को प्रकाशित हुई थी

क्रॉस वोटिंग मामले में टीआरएस के 3 विधायकों का इस्तीफा

खास बातें

  • पृथक तेलंगाना राज्य की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रही टीआरएस को क्रास वोटिंग के इस मामले से तगड़ा झटका लगा है।
हैदराबाद:

आंध्र प्रदेश विधान परिषद के चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने के मामले में शनिवार को निलंबित किए गए पार्टी के तीन विधायकों ने रविवार को अपना इस्तीफा तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव को सौंप दिया है। पृथक तेलंगाना राज्य की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रही टीआरएस को क्रास वोटिंग के इस मामले से तगड़ा झटका लगा है। पार्टी व्हीप का कथित उल्लंघन किए जाने के इस मामले में कार्रवाई के लिए पार्टी की पोलित ब्यूरो की कई घंटे चली बैठक के बाद टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने शनिवार रात को विधायकों के निलम्बन की घोषणा की। वहीं विधायकों ने किसी भी तरह की अनियमितता से इन्कार करते हुए टीआरएस अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया। पार्टी यह इस्तीफे सोमवार को उप सभापति नदेंदला मनोहर को सौंप सकती है। चंद्रशेखर राव ने कहा, "तेलंगाना आंदोलन की पवित्रता बनाए रखने के लिए हमने इन तीनों विधायकों को निलम्बित करने का निर्णय लिया है।" पार्टी ने कहा कि के. विद्यासागर राव, के. समैया और ई. रविन्द्र रेड्डी ने गुरुवार को विधान परिषद सदस्य के चुनाव में पार्टी प्रत्याशी मोहम्मद अली के लिए मतदान नहीं किया। अली को केवल 11 मत मिलने से वह चुनाव हार गए जबकि परिषद में टीआरएस के 11 सदस्य हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो और तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) के एक बागी विधायक ने कहा कि उन्होंने अली के पक्ष में मतदान किया। पड़ताल किए जाने पर टीआरएस नेताओं ने पाया कि उसके तीन विधायकों ने क्रास वोटिंग की थी और कथित रूप से उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रंगा रेड्डी को मत दिया। क्रास वोटिंग के इस मामले के कारण तेलंगाना आंदोलन के महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंचने के इस समय में पार्टी की छवि को धक्का लगा था। राव पर इन तीनों विधायकों पर कार्रवाई करने का काफी दबाव था। टीआरएस में यह पहली बार नहीं हुआ है इससे पहले वर्ष 2007 में भी पार्टी के 10 विधायकों ने क्रास वोटिंग की थी।


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