यह ख़बर 09 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

तेलंगाना : बिजली संकट गहराया, सरकार एस्मा लगाने की तैयारी में

खास बातें

  • तेलंगाना पर मंत्री समूह का पुनर्गठन हुआ है। इस्तीफा देने वाले मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू को इससे बाहर कर दिया गया है जबकि रक्षामंत्री एके एंटनी को इसमें शामिल किया गया है।
हैदराबाद:

तेलंगाना के विरोध में सीमांध्र में जारी हिंसा और प्रदर्शनों के बावजूद केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की संभावना से इनकार किया है।

उधर, आंध्र भवन में चंबाबाबू नायडू की भूख हड़ताल को अवैध बताते हुए अधिकारियों ने उनसे परिसर को खाली करने के लिए कहा है, लेकिन नायडू ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया। आंध्र प्रदेश भवन के रेजीडेंस कमिश्नर ने नोटिस देकर टीडीपी प्रमुख को जगह खाली करने को कहा है, क्योंकि यह जगह प्रेस वार्ता के लिए मुहैया कराई गई थी न कि अनशन के लिए। आज उनकी हड़ताल का आज तीसरा दिन है।

बिगड़ते हालात को देखते हुए सरकार ने एस्मा लगाने के संकेत दिए हैं। राज्य के हजारों बिजली कर्मचारी पिछले तीन दिन से हड़ताल पर हैं, जिसकी वजह से आंध्र प्रदेश में बिजली संकट पैदा हो गया है। बिजली सप्लाई ठप होने से जरूरी सेवा पर असर पड़ रहा है।

बेमियादी हड़ताल को खत्म करने के लिए बिजली कर्मचारी ज्वाइंट एक्शन कमेटी और राज्य सरकार के बीच मंगलावर को हुई बातचीत बेनतीजा रही है। सीमांध्र में हवाई अड्डे बैकअप सिस्टम पर काम कर रहे हैं। बिजली न होने से अस्पतालों में मरीजों पर असर पड़ा है। बिजली सप्लाई ठप होने से सबसे ज्यादा असर ईस्ट कोस्ट रेलवे की सेवाओें पर पड़ा है। इस रूट की ट्रेनें या तो रद्द करना पड़ी हैं या फिर उनका समय बदल दिया गया है।

बिजली कर्मचारियों की हड़ताल खत्म कराने के लिए मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ज्वाइंट एक्शन कमेटी के साथ एक और दौर की बातचीत करने वाले हैं।

उधर, सीमांध्र के कर्मचारियों ने अपने नेता से हड़ताल वापस लेने की अपील की है, जिससे उन्हें वेतन मिल सके। आज मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी के साथ कर्मचारी संगठन के नेताओें की दोबारा बैठक होनी है।

वहीं तेलंगाना पर मंत्री समूह का पुनर्गठन हुआ है। इस्तीफा देने वाले मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू को इससे बाहर कर दिया गया है जबकि रक्षामंत्री एके एंटनी को इसमें शामिल किया गया है।

इस हाई फ्रोफाइल समूह में गृहमंत्री सुशील शिंदे, स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद, पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली और ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश बतौर सदस्य शामिल हैं।

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पीएमओ में राज्यमंत्री वी नारायण सामी इस समूह में विशेष सदस्य के तौर पर काम करेंगे। आंध्र के बंटवारे पर कैबिनेट की मुहर के बाद आगे की कार्रवाई तय करने की जिम्मेदारी मंत्रियों के इसी कोर ग्रुप पर है।