तेलंगाना : सूखे के संकट के चलते पांच हफ्ते में 75 किसानों की मौत

तेलंगाना : सूखे के संकट के चलते पांच हफ्ते में 75 किसानों की मौत

खास बातें

  • राज्‍य लगातार तीन साल से सूखे की चपेट में
  • किसानों की फसलें हो रही बर्बाद
  • कर्ज के कारण किसान कर रहे आत्‍महत्‍या

अगस्‍त में किसान बुरुगुला सत्‍यम राव (42) की परेशानी बढ़ती जा रही थी. मित्रों द्वारा 'सत्‍तैया' के नाम से पुकारे जाने वाले राव का दिल बैठता जा रहा था. दरअसल मानसूनी बारिश का रहमो-करम नहीं हो रहा था और इसके चलते लगातार तीसरे साल उनके खेतों में मक्‍का और कपास की फसलें कुम्‍हलाकर दम तोड़ रही थीं.

इन सबके बीच राव के ऊपर कर्ज पांच लाख रुपये से अधिक का हो गया था. लेकिन इनकी इच्‍छाशक्ति और दिल उस वक्‍त टूट गया जब उनके बेटे राजशेखर को स्‍कूल में फीस नहीं भर पाने के कारण परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई. बेटे राजशेखर ने कहा, ''मैंने अपने पिता से कहा कि स्‍कूल में फीस मांगी जा रही है. इस पर उन्‍होंने कहा कि वह उस दिन स्‍कूल आएंगे. मैं स्‍कूल गया और वहां परीक्षा हो रही थी लेकिन प्रिंसिपल ने मुझे उसमें बैठने की अनुमति नहीं दी.''

16 वर्षीय राजशेखर ने पिता को मदद के लिए फोन किया. सत्‍तैया प्रिंसिपल से मिले और उनसे कहा गया कि उनको अगले दिन फीस अनिवार्य रूप से देनी होगी. दो घंटे बाद सत्‍तैया ने जहर पीकर आत्‍महत्‍या कर ली.
 

सत्‍तैया के परिवार में पत्‍नी और एक बेटा है

पिछले पांच हफ्तों में लगातार तीन साल के भयंकर सूखे की वजह से तेलंगाना में इस तरह के 75 किसानों ने आत्‍महत्‍या कर ली है. सत्‍तैया भी उन्‍हीं में से शामिल थे.

राजशेखर की मां पदमा ने NDTV को बताया कि एक महीना पहले तक सत्‍तैया इस साल बारिश को लेकर काफी आशान्वित थे. वह अपने बेटे के टीचर से मिले थे और उनसे बेटे की शिक्षा पर ध्‍यान देने का आग्रह किया था. उन्‍होंने उनसे यह भी कहा था कि एक बार फसल होने पर वह पूरे साल की फीस एक बार में ही भर देंगे.

आत्‍महत्‍या करने से कुछ घंटे पहले ही वह अपने खेतों की तरफ गए और जब लौटे तो उनकी आंखों में आंसू थे. बाद में उनको सत्‍तैया की बॉडी मिली. पदमा ने कहा, ''वह कहा करते थे कि हमारा एक ही बेटा है और चाहे जो भी दिक्‍कतें हों, हमें उसको पढ़ाना है. लेकिन फसल खराब हो गई.''

वह अपनी बेटे की शिक्षा को लेकर बहुत दृढ़ प्रतिज्ञ थे और उन्‍होंने उसका दाखिला एक प्राइवेट इंग्लिश-मीडियम स्‍कूल में कराया था. उसके स्‍कूल की सालाना फीस 22 हजार रुपये थी और स्‍कूल के बस की फीस अतिरिक्‍त रूप से छह हजार थी. वह अपने बेटे को एक दिन इंजीनियर के रूप में देखना चाहते थे.

अब उनकी मौत के बाद परिवार को छह लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. लेकिन उससे पहले उनको इसकी लंबी और कठिन वेरेफिकेशन प्रक्रिया से गुजरना होगा. सरकार की तीन सदस्‍यीय कमेटी पहले यह तय करेगी कि क्‍या वास्‍तव में सत्‍तैया ने कृषि ऋण और फसल खराब होने के चलते आत्‍महत्‍या की? उस रिपोर्ट के बाद ही मुआवजा मिलना संभव होगा.

हालांकि अभी तक इस मामले में कोई जांच नहीं हुई है. बेटा दोबारा स्‍कूल नहीं जा पाया है. पत्‍नी को अपनी अपूर्णीय क्षति के साथ परिवार के ऊपर चढ़े कर्जे के बोझ से भी निपटना होगा.
 

ऐसे में यदि आप बुरुगुला सत्‍यम राव (सत्‍तैया) की मदद करना चाहते हैं तो यहां उनकी पत्‍नी के बैंक अकाउंट का ब्‍यौरा है :
Name : Burugula Padma
Account Number: 066110100092503
Andhra Bank
Kondapaka branch, Medak District
IFSC Code: ANDB0000661

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