सुरक्षा नहीं मिली तो मोबाइल सेवा ठप्प हो जाएगी कश्मीर में

सुरक्षा नहीं मिली तो मोबाइल सेवा ठप्प हो जाएगी कश्मीर में

नई दिल्‍ली:

कश्मीर के सोपोर में आतंकियों ने एक बार फिर मोबाइल टॉवर पर हमला किया है। लगातार आतंकियों के निशाने पर होने की वजह से जम्मू-कश्मीर में मोबाइल सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं।

आतंकी संगठन लगातार मोबाइल कंपनियों के टावरों पर हमला बोल रहे हैं। राज्य में मोबाइल टावरों और मोबाइल कंपनियों के दूसरे प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है। इन हमलों में हाल के दौर में कुछ मोबाइल कंपनियों के मुलाजिमों की जान भी गई है। इनमें बीएसएनएल का एक कर्मी शामिल है। उसे सोपोर में मारा गया।

हालत यह है कि अगर मोबाइल सेवा देने वालों को सुरक्षा नहीं मिली तो कश्मीर में मोबाइल सेवा पूरी तरह से ठप्प हो जाएगी। वैसे पुलिस मान रही है कि मोबाइल सेवा से जुड़े हजारों लोगों को सुरक्षा मुहैया करवाना संभव नहीं है। सोपोर में फिर आतंकियों ने टेलीकॉम कंपनियों के अधिकारियों व कर्मियों को अपना बोरिया बिस्तर समेटने की धमकी देते पोस्टर जारी किए हैं।

लश्करे इस्लामी के इन पोस्टरों में टेलीकॉम कपंनियों से जुड़े अधिकारियों व कर्मियों को अपना काम बंद करने को कहा गया है। फरमान न मानने वालों को जान से मारने की धमकी दी गई है। बीते दस दिनों में दूसरी बार सोपोर में पाए गए लश्कर-ए-इस्लाम के पोस्टरों में लोगों से कहा गया है कि वह अपनी जमीनों से मोबाइल टावर भी हटाएं अन्यथा वह हश्र के लिए खुद जिम्मेदार होंगे।

आतंकियों के इन पोस्टरों के बाद सोपोर व आसपास इलाकों में मोबाइल कंपनि‍यों से जुड़े लोगों ने अपनी नौकरियों से इस्तीफा देना शुरू कर दिया है।

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इस बीच युनाइटेड जेहाद काउंसिल के सुप्रीमो सैय्यद सलाउद्दीन से सोपोर में मोबाइल फोन सेक्टर से जुड़े लोगों पर हो रहे हमलों की जांच की मांग कर जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट अर्थात जेकेएलएफ के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक ने राज्य में सियासी हलचल पैदा कर दी है। हालांकि, अलगाववादी खेमे ने उनका समर्थन किया है, लेकिन भाजपा और पीडीपी ने इसके लिए उन्हें आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सिर्फ खबरों में बने रहने के लिए मलिक ऐसा कर रहे हैं।