बढ़ती असहनशीलता का मुद्दा : अनुपम खेर के मार्च के समर्थन और विरोध में शोर शुरू

बढ़ती असहनशीलता का मुद्दा : अनुपम खेर के मार्च के समर्थन और विरोध में शोर शुरू

अनुपम खेर (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

असहनशीलता के मसले पर शनिवार को होने वाले अभिनेता अनुपम खेर के विरोध मार्च के पक्ष और विपक्ष में आवाजें तेज हो रही हैं। साथ ही, एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया है। केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अनुपम खेर के मार्च को जायज ठहराया है। एनडीटीवी से बातचीत में संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "अगर कुछ कलाकार, साहित्यकार देश के जमीनी हालात पर कुछ कहना चाहते हैं तो हमें उनकी बात सुननी चाहिए।" यानी सरकार असहनशीलता पर बढ़ते विवाद पर अब अनुपम खेर के साथ खड़ी दिखाई दे रही है।

मधुर भंडारकर अनुपम खेर के साथ
फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर भी खुले दिल से अनुपम खेर के साथ खड़े हो गए हैं। मधुर भंडारकर ने एनडीटीवी से कहा, "विरोध के अलग-अलग तरीके हैं। अवार्ड वापस करना गलत है। हम राष्ट्रपति को बताएंगे कि देश में ऐसा माहौल बिल्कुल नहीं है जैसा बताया जा रहा है।"

शरद यादव ने मार्च को गलत बताया
दरअसल देश में बढ़ती असहिष्णुता के मसले पर दर्जनों जाने-माने साहित्यकारों, फिल्मकारों, इतिहासकारों और वैज्ञानिकों ने सम्मान वापस किए हैं जिसके विरोध में अब अनुपम खेर ने मार्च का फैसला किया है। इस मसले पर एनडीए सरकार जहां मार्च के समर्थन में खड़ी दिखती है, वहीं विपक्ष सरकार की बुनियादी मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है। जेडी-यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह मार्च करने का फैसला गलत है। यह सब सरकार की तरफ से ही मैनेज हो रहा है।"

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

असहनशीलता पर टकराव का केन्द्र बिन्दु
उधर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि असहमति को दबाया जाना एक बड़ा खतरा है और देश में साहित्यकारों, लेखकों, कलाकारों पर हमले किसी भी कारण से जायज नहीं ठहराए जा सकते। दरअसल अभिनेता अनुपम खेर का विरोध मार्च असहनशीलता पर टकराव का केन्द्र बिन्दु बनता दिख रहा है, ऐसे वक्त पर जब इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। यह महत्वपूर्ण है कि जो लोग अब तक असहनशीलता के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन को गलत ठहरा रहे थे वे अब इस विरोध मार्च के समर्थन में दिखाई दे रहे हैं।