महाराष्ट्र सरकार का फैसला, अजीत पवार नहीं लड़ सकते बैंक चुनाव

महाराष्ट्र सरकार का फैसला, अजीत पवार नहीं लड़ सकते बैंक चुनाव

अजीत पवार (फाइल फोटो)

मुंबई:

एनसीपी नेता अजीत पवार महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के निदेशक मंडल का चुनाव अगले दस साल तक नहीं लड़ सकते हैं। मामला 1100 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का है। भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होने पर अजीत पवार के चुनाव लड़ने पर 10 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह फैसला महाराष्ट्र कैबिनेट ने मंगलवार को बैठक में लिया।

एनसीपी और कांग्रेस को लगा झटका
महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक राज्य की सभी जिला सहकारी बैंकों की अपेक्स बॉडी है। अजीत पवार सहित अन्य कई राजनेता इस बैंक के निदेशक मंडल में थे। एनसीपी के साथ कांग्रेस का राज्य के सहकारिता बैंकिंग क्षेत्र में दबदबा माना जाता है। निदेशक मंडल में ज्यादातर इन्हीं दलों के नेता थे। उनके कार्यकाल में लिए गए फैसलों के चलते बैंक को नुकसान हुआ। लिहाजा बैंक का निदेशक मंडल बर्खास्त कर दिया गया है।

चव्हाण ने भी बर्खास्त किया था निदेशक मंडल
गौरतलब है कि एनसीपी बनाम कांग्रेस की लड़ाई में तत्कालीन कांग्रेसी मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भी राज्य सहकारी बैंक का निदेशक मंडल बर्खास्त किया था, लेकिन इस बार की कार्रवाई और ज्यादा सख्त है।

रिजर्व बैंक के आदेश के बाद कार्रवाई
महाराष्ट्र के सहकारिता मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने NDTV इंडिया से कहा कि, कांग्रेस-एनसीपी ने इस बैंक में भ्रष्टाचार किया है। वे इसे नकार नहीं सकते। जब यही बात रिज़र्व बैंक कह रही है, तब तो उसे मानना ही होगा। जो भी कार्रवाई हुई, वह रिज़र्व बैंक के आदेश के बाद ही हो रही है।

सभी दलों के नेताओं पर गाज
राज्य सहकारी बैंक के अलावा नागपुर, वर्धा और बुलडाणा जिला बैंकों को डुबाने वाले निदेशकों पर भी कार्रवाई हुई है। इस कार्रवाई को झेलने वाले कुल 77 निदेशकों में सभी दलों के नेता शामिल हैं। लेकिन ज्यादातर नेता एनसीपी के हैं। तो उसके बाद नंबर आता है कांग्रेस के नेताओं का। चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध की कार्रवाई झेल रहे प्रमुख नेता हैं-

  • एनसीपी - अजित पवार, हसन मुश्रीफ, दिलीप सोपल, विजयसिंह मोहिते-पाटील, राहुल मोटे, जयप्रकाश दांडेगांवकर, बालासाहब सरनाईक
  • कांग्रेस- मधुकर चव्हाण, विजय वडेट्टीवार, माणिकराव कोकाटे
  • शिवसेना - आनंदराव अडसूल
  • बीजेपी - पांडुरंग फुंडकर
  • पीडब्लूपी - जयंत पाटिल, मिनाक्षी पाटिल

कांग्रेस-एनसीपी की वित्तीय जड़ पर चोट
महाराष्ट्र में सहकारिता एनसीपी और कांग्रेस की राजनीति में वित्तीय ताकत की जड़ है, और इस बार चोट सीधे जड़ पर हुई है। बीजेपी सरकार की कार्रवाई से एनसीपी झल्ला उठी है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा है कि बीजेपी साहूकारों के जरिए सहकारिता पर कब्ज़ा चाहती है। वे किसी व्यक्ति को चुनाव से दूर कर सकते हैं, लेकिन दल को नहीं। जो अपात्र हुए हैं उनके बदले में दूसरे लोग चुनाव लड़ेंगे।
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कानून में संशोधन होगा
महाराष्ट्र सरकार ने इस कार्रवाई के लिए कानूनन संशोधन का रास्ता चुना है। ताकि उसे कोर्ट में चुनौती न मिल सके। सरकार अपनी कार्रवाई को और मजबूत बनाने के लिए विधान भवन की मंजूरी भी दिलाएगी।