महिलाएं अपनी शक्ति पहचानें तो देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता : चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर

महिलाएं अपनी शक्ति पहचानें तो देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता : चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर

चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा कि महिलाओं को एकजुट होने की जरूरत है और अगर वे अपनी शक्ति पहचानेंगी तो देश में आगे बढ़ने और ऊंचाइयों को छूने से उन्हें कोई रोक नहीं सकता।

बात सिर्फ अधिकार की नहीं, ड्यूटी की भी
चीफ जस्टिस ने कहा कि 'आप सिर्फ 33 फीसदी कोटा क्यों चाहते हैं, आप जनसंख्या का 50 फीसदी हैं किसी एक उम्मीदवार को सब समर्थन कीजिए तो वही चुनी जाएगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं का मुद्दा बड़ा अहम है लेकिन बात सिर्फ अधिकारों की नहीं बल्कि ड्यूटी की भी होनी चाहिए। कितनी महिलाएं पर्यावरण को साफ रखने में ड्यूटी  निभाती हैं, देश में फैले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए काम करती हैं, वोट डालने का अधिकार इस्तेमाल करती हैं। ग्रामीण महिलाएं इस मामले में शहरी महिलाओं से आगे हैं।'

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घरेलू हिंसा मामलों में मुख्य आरोपी महिलाएं ही
सिटीजन राइट्स ट्रस्ट के इंटरनेशल वुमेन डे सेमीनार में जस्टिस ठाकुर ने कहा कि 'महिलाएं कुछ बदलाव चाहती हैं तो फिर आगे बढ़कर काम करें। हम देखते हैं कि घरेलू हिंसा मामले में मुख्य आरोपी महिलाएं ही होती हैं।' उन्होंने कहा कि 'सुप्रीम कोर्ट में महिला वकील बहुत मजबूत हैं तभी तो वे चीफ जस्टिस होने के बावजूद शाम को घर के बजाए उनके सामने खड़े हैं।' उन्होंने कहा कि 'दिल्ली हाईकोर्ट में 8 महिला जज हैं जबकि जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में एक भी महिला जज नहीं है, लेकिन निचली अदालतों में अब वहां भी महिलाएं आ रही हैं।' चीफ जस्टिस ने कहा कि 'इस मामले में नेपाल हमसे कहीं आगे है। अप्रैल में वहां सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस महिला होंगी।'