यह ख़बर 08 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

दिग्विजय सिंह ने कहा, बोधगया धमाकों पर हो रही है राजनीति

खास बातें

  • भाजपा के बारे में दिग्विजय ने कहा, 'चंद दिन पहले तक सरकार में उनकी भागीदारी थी, लेकिन अचानक बिहार इतना खतरनाक हो गया कि ब्लास्ट भी हो गए, पूरे बिहार में आग भी लग गई, और इसकी वजह से उन्हें बिहार बंद का ऐलान भी करना पड़ा...'
नई दिल्ली:

एनडीटीवी : गया में जो कुछ हुआ है उसमें आपके ट्वीट को लेकर काफी हंगामा हो रहा है… क्या यह सब कुछ कहने की ज़रूरत थी...?

दिग्विजय सिंह : सबसे पहले मैं इस घटना की घोर भर्त्सना करता हूं। भगवान बुद्ध, जो कि अहिंसा के प्रतीक हैं, के मंदिर में इस तरह की घटना हुई है। जो भी व्यक्ति इसके लिए ज़िम्मेदार है उसके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए। मैंने कल यही कहा था कि इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी को काम करने का अवसर दिया जाना चाहिए। इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए लेकिन घटना के दो घंटे बाद रविशंकर प्रसाद कह रहे हैं कि इसमें दिल्ली पुलिस के सोर्स के माध्यम से पुणे बेकरी के अभियुक्त जो कि महाराष्ट्र में हैं उन्होंने महाबोधि मंदिर में जाकर रेकी किया था। बाद में रूडी जी बोलते हैं कि आईबी का इनपुट नीतीश कुमार के पास था। क्या नीतीश कुमार की सरकार में रूडी कभी रहे हैं, नहीं रहे हैं... फिर उनके पास यह जानकारी कहां से आ गई जो उन्होंने यह बात कह डाली…। चंद दिनों पहले तक सरकार में उनकी भागीदारी थी लेकिन चंद दिनों में बिहार इतना ख़तरनाक हो गया है कि बम ब्लास्ट भी हो गया है और पूरे बिहार में आग भी लग गई है और इसकी वजह से उन्हें आज बिहार बंद करने का ऐलान करना पड़ा।

इसी प्रकार मैं मीडिया से भी अनुरोध करूंगा कि आप लोग भी अपुष्ट सोर्सेज के आधार पर राजनीति न करें। भाजपा और मीडिया ने यह भी कह दिया कि म्यांमार की घटना के कारण इसमें मुसलमान हो सकता है। 24 घंटे तक मैंने आप लोगों की जुगलबंदी देखी उसके बाद मैंने कहा कि इसका दूसरा पहलू भी हो सकता है। माननीय अमित शाह जी जो कि दंगों में ज़बरन पैसा वसूली में और फ़र्जी एनकाउंटर में दोषी हैं वह अयोध्या जाकर राम मंदिर बनवाने की बात कहते हैं जबकि यह मामला अदालत में है। मोदी जी बीजेपी कार्यकर्ताओं को कहते हैं कि नीतीश कुमार को सबक सिखाना है और दूसरे ही दिन महाबोधि मंदिर में ब्लास्ट हो जाता है। मैंने यह पूछा था कि इसका कोई संयोग है क्या। मैंने कुछ कहा नहीं था इसके बाद मैंने कहा कि मुझे नहीं मालूम इसलिए इंवेस्टिगेटिव एजेंसी को काम करने का मौका देना चाहिए यह मेरी हाथ जोड़कर प्रार्थना है।

एनडीटीवी : क्या आपका इशारा भगवा आतमकवाद की ओर है...?

दिग्विजय सिंह : मैंने कोई इशारा नहीं किया… मैंने कभी इंवेस्टिगेटिव एजेंसी की जांच के पहले कोई बात नहीं कही है…। मैंने हमेशा यही कहा है कि इस प्रकार का मीडिया का जो रवैया होता है कि बम ब्लास्ट के आधे घंटे बाद यह बता देते हैं कि इसमें इंडियन मुज़ाहिदीन का हाथ है। यह पैटर्न आख़िर क्यों... छह घटनाओं में गैर−मुस्लिम लोग शामिल रहे जिसमें मीडिया और इंवेस्टिगेटिव एजेंसी के लोगों ने निर्दोष मुस्लिमों को जेल भिजवा दिया उनकी ज़िंदगी तबाह कर दी आपलोग ज़िम्मेदारी से यह काम क्यों नहीं करते... क्यों आप लोग झूठे सोर्सेज का हवाला देते हुए यह बात कह जाते हैं।

एनडीटीवी : क्या आपने गैर बीजेपी शासित राज्यों को एक चेतावनी दी है...?

दिग्विजय सिंह : आज़ादी से लेकर आज तक जितने सांप्रदायिक दंगे हुए हैं उसे सांप्रदायिक हिंदुओं और सांप्रदायिक मुस्लिमों ने मिलकर कराया है। यह मैं नहीं कह रहा हूं… आप कमीशन की रिपोर्ट उठाकर देख लें। मेरी चेतावनी उन गैर बीजेपी शासित राज्यों के लिए विशेष कर है क्योंकि इन लोगों की भागीदारी विशेष तौर पर रही है।

एनडीटीवी : क्या अमित शाह के बयान से देश में कोई दंगा हो सकता है...?

दिग्विजय सिंह : मैंने तो सचेत किया है क्योंकि ये लोग लाशों पर राजनीति करने में माहिर हैं। मीडिया में ग़लत ख़बर फैलाने में माहिर हैं। झूठी ख़बर फैलाने की ट्रेनिंग इन्हें संघ में दी जाती है।

एनडीटीवी : इशरत जहां मामले में भी शक है...?

दिग्विजय सिंह : इशरत जहां प्रकरण में मैंने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है। मैंने तो यही कहा है कि हेडली ने इशरत का ज़िक्र नहीं किया है। इशरत जहां का 'टेररिस्ट इनवोल्वमेंट' है यह मीडिया कह रहा है। एक चैनल सीडी दिखाता है... डायरेक्टर आईबी का लेटर दिखाता है… यह कहां तक सही है, इसकी जांच होना चाहिए। लेकिन, अगर एजेंसियां अलग−अलग बात कहेंगी तो इससे गृह मंत्रालय की छवि पर दाग लगेगा… इसलिए थोड़ी गंभीरता से काम लेना चाहिए।

एनडीटीवी : क्या सच्चाई सामने आएगी...?

दिग्विजय सिंह : अगर ईमानदारी से जांच की जाएगी तो निश्चित तौर पर सच्चाई सामने आएगी। अगर आप देखेंगे तो मालेगांव ब्लास्ट 1 और 2 में 14 मुसलमान लड़कों को पकड़ा गया और बाद में वे निर्दोष साबित हुए। इसी तरह हैदराबाद के मक्का मस्जिद ब्लास्ट में भी मुस्लिमों को पकड़ा गया और बाद में निर्दोष करार दिया गया। समझौता एक्सप्रेस और अज़मेर दरगाह शरीफ़ में भी यही स्थिति हुई। बाटला के अंदर मैंने केवल न्यायिक जांच की मांग की थी। मैंने और कुछ नहीं कहा था और न्यायिक जांच इस बात की कि एनकांउटर सही था या फर्जी था। अमूमन तौर पर फेक एनकांउटर मे न्यायिक जांच होती है…। यह घटना गंभीर थी इसलिए मैंने न्यायिक जांच की मांग की थी। न्यायिक जांच नहीं हुई तो नहीं हुई... मैं क्या करूं।

एनडीटीवी : क्या कांग्रेस के पास मोदी को कांउटर करने की कोई रणनीति है...?

दिग्विजय सिंह : मोदी हमारे लिए कोई मुद्दा ही नहीं है। हमारी लड़ाई व्यक्ति से नहीं है विचारधारा की है। जो विचारधारा फांसीवादी है, सांप्रदायिक है, धर्मों के आधार पर राजनीति करती है ऐसी विचारधारा से हमारी लड़ाई है।

एनडीटीवी : अभी तो आप गया में ब्लास्ट और राम मंदिर की बात कह रहे थे...?

दिग्विजय सिंह : यह तो फैक्ट है…। इनपर मैंने कोई स्टेटमेंट नहीं दिया है सिर्फ प्रश्नचिन्ह लगाया है...।

एनडीटीवी : तेलंगाना बनेगा या नही...?

दिग्विजय सिंह : मैं यह तो नहीं कह सकता... यह निर्णय केन्द्र सरकार को करना है। मैंने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि आप दोनों स्थितियों का अध्ययन करके अपना 2014 का पॉलिटिकल रोडमैप तय करें। मैंने कांग्रेस अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि कोर ग्रुप की बैठक बुलाएं जिसमें राहुल गांधी जी, गुलाम नबी आज़ाद और मुझे भी आमंत्रित करें तथा इन्हें प्रजेंटेशन का अवसर दे दें... हमें सुन लें। इसके बाद वह जो भी निर्णय देंगी उसका पालन कराना हमारी जिम्मेदारी है। जो भी समस्याएं आएंगी उनका सामना करेंगे।

एनडीटीवी : कोई रोडमैप आपके पास है...?

दिग्विजय सिंह : वह तो वही लेकर आएंगे... इसमें बहुत समय लग चुका है इसलिए अब निर्णय होना चाहिए।

एनडीटीवी : वाईएसआर या टीडीपी आपका मेन 'राइवल' कौन है?

दिग्विजय सिंह : हमारे लिहाज़ से अलग−अलग एरिया में अलग−अलग लड़ाई है। तेलंगाना का विषय बहुत आगे आ गया है इसलिए उस रीज़न में हमारी टीआरएस से लड़ाई है। रायलसीमा में वाईएसआर कांग्रेस से लड़ाई है और कोस्टल में टीडीएस से हमारी लड़ाई है।

एनडीटीवी : वाईएसआर कांग्रेस ने ये भी संकेत दिए हैं कि वे कांग्रस के साथ आ सकते हैं…। चुनाव के पहले गठबंधन हो सकता है क्या...?

दिग्विजय सिंह : प्री-पोल अलायंस का मामला राहुल जी ने एंटनी साहब को सौंपा है तो वही निर्णय लेंगे।

एनडीटीवी : उत्तर प्रदेश की रणनीति क्या होगी?

एनडीटीवी : यह मधुसूदन मिस्त्री बताएंगे।

एनडीटीवी : बेनी वर्मा के बारे में क्या कहेंगे?

दिग्विजय सिंह : वह महान व्यक्त हैं... मेरी तुलना उनसे न करें...।

एनडीटीवी : एमपी में बीजेपी से क्यों नहीं लड़ पा रही है कांग्रेस?

दिग्विजय सिंह : कांग्रेस लड़ रही है और उनकी झूठी घोषणाओं और भ्रष्टाचार को उजागर कर रही है… जिस तरह से वहां चरित्रहीनता की पराकाष्ठा पार हो चुकी है वह सब अब जनता की नज़र में है..

एनडीटीवी : क्या एमपी में भी संघ सक्रिय है?

दिग्विजय सिंह : संघ का पहला विधायक एमपी से ही चुना गया था... जनसंघ का काम शुरू से ही एमपी में सबसे ज़्यादा रहा है।

एनडीटीवी : एमपी में आप बड़े नेताओं  में एकता नहीं होने की बात कही जाती है और शायद यही कारण है कि वहां कांतिलाल भूरिया को ज़िम्मा दिया गया है।

दिग्विजय सिंह : पूरी एकता है... वहां कांतिलाल जी हैं जो 1980 से लगातार चुनाव जीतते आए हैं…। वह यूथ कांग्रेस में भी रहे हैं... मेरे साथ जनरल सेक्रेट्री भी रहे हैं.. केंद्र में मंत्री भी रहे हैं और अब अध्यक्ष भी हैं… इसलिए उनकी देखरेख में हमारी रणनीति तय होगी...।

एनडीटीवी : नीतीश कुमार के बारे में आप क्या कहेंगे?

दिग्विजय सिंह : नीतीश कुमार पर हमेशा यह प्रश्नचिह्न लगा रहेगा कि गोधरा कांड के समय में उन्होंने रेलमंत्री पद से इस्तीफ़ा नहीं दिया था जबकि रामविलास पासवान ने इस्तीफ़ा दे दिया था…। अब उन्होंने अपनी ग़लती महसूस कर भाजपा जैसे सांप्रदायिक दल से अपना पल्ल झाड़कर अपनी ग़लती को ठीक करने का प्रयास किया है।

एनडीटीवी : अब कांग्रेस उनके साथ जा सकती है?

दिग्विजय सिंह : ये सारी चीजें एंटनी साहब की कमेटी तय करेगी।

एनडीटीवी : अभी आपने उनकी सरकार को बचाने के लिए विधानसभा में उनके पक्ष में वोट किया था…।

दिग्विजय सिंह : ये बातें आप बिहार प्रभारी से पूछें।

एनडीटीवी : बिहार और झारखंड में ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की रणनीति कामयाब रहेगी?

दिग्विजय सिंह : इसमें मेरा अध्ययन नहीं है क्योंकि मैं वहां का इंचार्ज नहीं हूं।

एनडीटीवी : राहुल गांधी का पीएम प्रत्याशी बनना तय है?

दिग्विजय सिंह : कांग्रेस पार्टी कभी अपना पीएम और सीएम प्रत्याशी तय नहीं करती।

एनडीटीवी : देर किस बात की है... पिछली बार सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह के नाम का एलान कर दिया था…

दिग्विजय सिंह : उस समय ऐसी परिस्थfतियां थीं। वो भी चुनाव के एक महीने पहले किया था।

एनडीटीवी : कुछ लोग कहते हैं कि दिग्विजय सिंह राहुल के 'मनमोहन' हो सकते हैं?

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दिग्विजय सिंह : ये मज़ाक है।