यह पहली बार नहीं जब प्रकाश जावड़ेकर ने सबको हैरत में डाला है…

यह पहली बार नहीं जब प्रकाश जावड़ेकर ने सबको हैरत में डाला है…

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (फाइल फोटो)

खास बातें

  • जावड़ेकर के प्रमोशन की नहीं थी किसी को उम्मीद
  • लोकसभा चुनाव की जीत के बाद भी लिया गया था हैरानीपूर्ण फैसला
  • मोदी सरकार में कल कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया
नई दिल्ली:

कुछ दिन पहले मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर काफी चर्चा चल रही थी। इस चर्चा में कुछ चर्चित नाम थे और कुछ ऐसे नाम भी थे, जिनके बारे मे पहले कभी चर्चा नहीं हुई थी। पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान जैसे कुछ मंत्रियों की अच्छे काम को लेकर चर्चा हो रही थी और यह माना जा रहा था कि इन मंत्रियों का प्रमोशन होगा और कुछ बड़े विभाग दिए जाएंगे। लेकिन प्रकाश जावड़ेकर के बारे में कोई चर्चा नहीं हो रही थी। न ही किसी को उम्मीद भी थी कि जावड़ेकर का प्रमोशन होगा। शायद यह बात खुद जावड़ेकर को भी नहीं पता थी। मंगलवार सुबह जावड़ेकर ने खुद यह खुलासा किया कि वह जर्मनी में थे और प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें वापस बुलाया और उनके प्रमोशन के बारे मे बताया।

फिर यह खबर आई कि जावड़ेकर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाए जाएंगे, लेकिन किसी के ध्यान में यह नहीं आया कि जावड़ेकर तो पहले भी सूचना और प्रसारण मंत्री बन चुके हैं फिर प्रधानमंत्री मोदी का जावड़ेकर को खास बुलाने के पीछे क्या मकसद है? और वह भी उस वक्त जब वह जर्मनी किसी खास प्रोग्राम में गए हुए है। मंगलवार सुबह जब कैबिनेट मंत्रियों की लिस्ट आई उसमें सिर्फ प्रकाश जावड़ेकर का नाम था। इस लिस्ट में न पीयूष गोयल का नाम था न धर्मेंद्र प्रधान का। फिर दिनभर यही चर्चा चलती रही कि जावड़ेकर सूचना और प्रसारण मंत्री बनेंगे।

किसी को यह उम्मीद नहीं थी कि प्रधानमंत्री मरेंद्र मोदी की करीबी मानी जाने वाली स्मृति ईरानी को शिक्षा मंत्री के पद से हटा दिया जाएगा और यह विभाग प्रकाश जावड़ेकर को दिया जाएगा। लेकिन शायद जावड़ेकर को इसके बारे मे पता था। मंगलवार दोपहर को जब एनडीटीवी ने जावड़ेकर को एक इंटरव्यू देने के लिए अनुरोध किया तो जावड़ेकर बहाना बनाते हुए बोले, 'क्यों इंटरव्यू लेना चाहते हो, क्या सवाल पूछोगे? पहले सवाल भेजो?' जावड़ेकर का यह जवाब सुनने के बाद हम हैरान रह गए कि जावड़ेकर जैसे मंत्री जो किसी भी विषय पर बखूबी बोल सकते हैं तो ऐसा जवाब क्यों दे रहे हैं। मंत्री बनने के बाद भी वह कई बार इंटरव्यू दे चुके हैं और ऐसे दिन में वह मना कर रहे हैं जहां उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया है और लगभग सभी नए राज्य मंत्री ख़ुशी से इंटरव्यू दे रहे हैं या फिर यह भी हो सकता है कि जावड़ेकर खुद हमसे यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि मीडिया को उनके शिक्षा मंत्री बनने के बारे में पता है या नहीं।

जो भी हो जावड़ेकर सबको आश्चर्यचकित करते हुए शिक्षा मंत्री बन गए। यह पहली बार नहीं था जब जावड़ेकर ने आश्चर्यचकित किया था। 2014 के चुनाव के बाद जब बीजेपी जीत कर आई थी और सरकार बना रही थी, तब किसी ने यह उम्मीद नहीं की थी कि जावड़ेकर मंत्री बनेंगे। क्योंकि उस वक्त जावड़ेकर का राज्यसभा कार्यकाल ख़त्म हो गया था और लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला था, लेकिन सबको हैरान करते हुए वह सूचना और प्रसारण मंत्री बने थे।

मंगलवार को जावड़ेकर के नाम का शिक्षा मंत्री के रूप में ऐलान होने के बाद एनडीटीवी ने फिर जावड़ेकर को फ़ोन किया। हमें लग रहा था कि शिक्षा मंत्री बन जाने के बाद वह हमारा फ़ोन नहीं उठाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं था। जावड़ेकर ने फ़ोन उठाया और हमने उन्हें बधाई दी। हमने उनसे यह भी पूछा, 'क्या अब आप हमारे साथ इंटरव्यू करेंगे:' जावड़ेकर का जवाब था जरूर करूंगा। जावड़ेकर जी के मुंह से यह 'ज़रूर' शब्द सुनते ही मुझे उनकी पुराने बात याद आ गई। जब वह प्रवक्ता हुआ करते थे और हम उन्हें अपने शो में शामिल करने के लिए अनुरोध किया करते थे तब जावड़ेकर जो तीन शब्द काफी समय इस्तेमाल करते थे वह थे -  'समय', 'विषय' और 'जरूर' आऊंगा। यानी वह शो के समय के बारे में पूछते थे, फिर किस विषय पर चर्चा होगी उसके बारे में पूछते थे और अगर उनको समय व विषय पसंद आता था तब वह 'जरूर' आऊंगा बोलते थे... नहीं तो मना कर देते थे।

चाहे जो भी हो प्रकाश जावड़ेकर को शिक्षा मंत्री बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सही निर्णय लिया है। अब जावड़ेकर शिक्षा मंत्री के रूप में सफल होंगे या नहीं यह तो पता नहीं, लेकिन यह जरूर पता है कि वह ऐसे काम नहीं करेंगे, जिसकी वजह से उनके साथ-साथ बीजेपी की भी आलोचना होगी।


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