यह ख़बर 17 मार्च, 2014 को प्रकाशित हुई थी

लालू, नीतीश के घर पर होली के रंग नहीं

पटना:

बिहार में लोकतंत्र का महापर्व, चुनाव का रंग ऐसा चढ़ा है की रंगों के त्योहार होली का रंग इस वर्ष फीका पड़ गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस वर्ष होली पर्व से दूर हैं, तो बिहार की राजनीति में अहम स्थान रखने वाले लालू-राबड़ी के आवास पर भी प्रसिद्घ 'कुर्ताफाड़ होली' का नजारा नहीं दिखाई दे रहा है।

बिहार के मुख्यमंत्री ने पिछले वर्ष छपरा के मशरख प्रखंड में धर्मसती गंडामन गांव के एक सरकारी विद्यालय में मध्याह्न भोजन खाने से 23 बच्चों की मौत के कारण होली नहीं खेलने का निर्णय लिया है। इस कारण होली के दिन सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर सन्नाटा पसरा हुआ है। मुख्यमंत्री आवास में तो हैं, परंतु होली से दूर हैं।

इधर, वर्षों तक होली के मौके पर केंद्र बने पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और लालू प्रसाद के आवास पर भी इस वर्ष सन्नाटा पसरा है। लालू के आवास पर होली नहीं खेले जाने के कारण राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कार्यकर्ता तो मायूस हैं ही, पटना में कुर्ता फाड़ होली खेलने वालों को भी इस वर्ष होली खेलने का भरपूर मौका नहीं मिला।

गौरतलब है कि लालू मुख्यमंत्री पद पर रहे हों या केंद्रीय मंत्री या उनकी पार्टी बिहार में विपक्ष की भूमिका में रही हो, उनके आवास पर होली में रौनक बनी रहती थी। कुर्ताफाड़ होली के साथ-साथ फगुआ के गीत के बीच ठंढई का दौर चलता रहता था, जिसमें लोग होली के रंग में सराबोर हो जाते थे।

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इधर, बिहार के पुलिस महानिदेशक अभ्यानंद के आवास पर जमकर होली खेली गई और फगुआ के गीत गूंजते रहे। इस दौरान अभ्यानंद भी जमकर होली के गीत गाए और पुलिसकर्मियों को रंग-गुलाल लगाकर होली की शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि होली के पर्व पर पुलिसकर्मियों को छुट्टी नहीं मिल पाती है, इस कारण एक ही स्थान पर पुलिसकर्मी जुटकर होली मनाते हैं।