यह ख़बर 07 फ़रवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

सीवीसी पीजे थॉमस बोले, मैं इस्तीफ़ा क्यों दूं…

खास बातें

  • जब कानून बनाने वाले क़रीब 30 फीसदी सांसद कानूनी मामलों में फंसे हुए हैं तो मैं इस्तीफ़ा क्यों दूं… ये कहना है सीवीसी पीजे थॉमस का।
नई दिल्ली:

जब कानून बनाने वाले क़रीब 30 फीसदी सांसद कानूनी मामलों में फंसे हुए हैं तो मैं इस्तीफ़ा क्यों दूं… ये कहना है पामोलीन घोटाले में आरोपी देश के सीवीसी पीजे थॉमस का। किसी और से नहीं ये बात उन्होंने कही सीधे सुप्रीम कोर्ट से जो उनके ख़िलाफ़ दायर केस की सुनवाई कर रहा है। अपनी नियुक्ति को जायज़ ठहराने की जंग लड़ रहे सीवीसी थॉमस सुप्रीम कोर्ट के आगे हथियार डालने पर तैयार नहीं दिख रहे हैं। अपना बचाव करते हुए थॉमस ने कहा कि उन्होंने सारे मापदंड पूरे किए हैं लिहाजा कोर्ट उनकी योग्यता पर सवाल नहीं उठा सकता। साथ ही अपने जवाब में थॉमस ने कहा कि उनकी नियुक्ति पर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कमेटी ने मुहर लगाई थी। जिस केरल सरकार ने उनके खिलाफ़ प्रतिबंध की मांग की थी उसी ने तरक्की देकर उन्हें चीफ़ सेक्रेट्री बनाया। दूसरी तरफ़ कोर्ट मानना है कि उसका सारोकार सिर्फ इस मामले तक ही नहीं सिमटा बल्कि वो संवैधानिक नियुक्तियों पर भी विचार कर सकता है। फ़िलहाल सुनवाई गुरुवार तक टल गई है उस दिन सीवीसी की नियुक्ति पर फैसला सुरक्षित रखा जा सकता है।


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